आचार्य पूज्यश्री हीराचंद्रजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी पूज्य व्याख्यात्री महासतीजी श्री ज्ञानलताजी म.सा. का जोधपुर राजस्थान में 3 जून 2025 को रात्रि 8.45 बजे देवलोकगमन हो जाने पर स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में गुणानुवाद किये गए |
स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में वरिष्ठ स्वाध्यायी आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने महासतीजी ज्ञानलताजी म.सा के चेन्नई में वर्ष 2011 के मरलेचा गार्डन वेपेरी व 2013 के इन्द्रप्रस्थ,अयनावरम चातुर्मास की विशिष्ठ उपलब्धियों व संस्मरणों का उल्लेख करते हुए गुणगाण किये |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने गुणानुवाद करते हुए कहा कि उनका जन्म वर्ष 1964 में पारसमलजी छोटीबाईजी बोहरा के यहां कांचीपुरम तमिलनाडु में हुआ व उनकी जैन भागवती दीक्षा मद्रास में 19 दिसम्बर 1983 को एस एस जैन बोर्डिंग होम माम्बलम में आचार्य पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा की आज्ञा से शासन प्रभाविका महासतीजी श्री मैनासुन्दरीजी म.सा के मुखारविन्द से दो बहनों श्री दर्शनलताजी व श्री चारित्रलताजी के साथ हुई | महासती ज्ञानलताजी म.सा वर्ष 2011 में जब स्वाध्याय भवन साहूकारपेट में शेष कल्प में 58 दिनों के लिए विराजें तब महासतीजी की प्रेरणा से ऋषभ कृपा बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट में श्रावकों के दैनिक संवर हुए दैनिक संवर की संख्या 65 तक पहुंची व महासतीजी ने विहार के समय श्रावकों को हर शनिवार संवर आराधना करने के नियम कराए |
वेपेरी व अयनावरम चातुर्मास काल में 24 दिवसीय “तीर्थंकर की आराधना बीस बोलों की साधना” व आपकी शिष्या भाग्यप्रभाजी म.सा ने युवा वर्ग के लिए दैनिक प्रातःकाल विशिष्ठ कक्षा “एक कदम धर्म की ओर” के माध्यम से युवा वर्ग को देव धर्म गुरु पर अटूट श्रद्धा से जोड़ा | ज्ञानलताजी महासती के मुखारविन्द से गुरु विजय शांति कालेज वेपेरी के प्रांगण में 15 मई 2013 को शोरापुर कर्नाटक की बहन शीतलजी आंचलिया की जैन भागवती दीक्षा हुई,जो कि लक्षितप्रभाजी म.सा के नाम से जिनशासन की प्रभावना कर रहे हैं | महासती ज्ञानलताजी म.सा ने सरलता व सजगता पूर्वक 42 वर्षो के दीक्षा काल में स्व व पर कल्याण करते हुए जिनशासन की महती प्रभावना की हैं,जिनशासन में आपका नाम चिरकाल के लिए अंकित हो गया हैं |
गुणानुवाद रुप में रुपराजजी सेठिया,श्रावक संघ तमिलनाडु के उपाध्यक्ष गौतमचंदजी मुणोत, महावीरचन्द तातेड़, इंदरचंद कर्णावट, लीलमचन्द बागमार महावीरजी कर्णावट, पदमचन्दजी दीपकजी योगेशजी श्रीश्रीमाल, नवरतनमलजी चोरडिया, वीरेन्द्रजी ओस्तवाल स्वाध्यायीगण ने सामायिक परिवेश में चार-चार लोगस्स का ध्यान करते हुए महासती ज्ञानलताजी म.सा के प्रति गुणानुवाद भाव प्रकट किए |
प्रेषक : आर नरेन्द्र कांकरिया, स्वाध्याय भवन,24/25- बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट,चेन्नई तमिलनाडु 600 001.