श्रमण-श्रमणीवृंद ने वर्तमान में वर्धमान के सिद्धांतों की बताई उपयोगिता
सामुहिक रूप से मनाया महावीर जन्मकल्याणक
श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में आयोजित हुआ भव्य कार्यक्रम
श्री तमिलनाडु जैन महामंडल के साथ अनेकों सेवा भावी मंडलों का रहा सहयोग
चेन्नई : जैन एकता का प्रतीक श्री जैन महासंघ, चेन्नई के तत्वावधान में 24वें तीर्थंकर श्री श्रमण भगवान महावीरस्वामी का 2622वां जन्म कल्याणक महोत्सव चैत्रसुदी त्रयोदशी, मंगलवार को भव्यातिभव्य पैमाने पर चारों सम्प्रदायों के श्रमण- श्रमणी भगवन्तों की निश्रा में चारों सम्प्रदायों के श्रावक- श्राविकाओं द्वारा उत्साह, उमंग से मनाया गया।
धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री उदयप्रभसूरिश्वरजी म सा ने कहा कि महावीर स्वामी के सिद्धांतों को जीवन में ग्रहण करके ही आत्मा से परमात्म पद को पाया जा सकता है, सिद्धि की सिढ़ी पर आरोहण हो सकता है। मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी महाराज साहेब ने कहा कि जैन एकता को सभी महत्व देंगे तो ही जैनों के भविष्य के लिए अच्छा रहेगा। मुनिराज श्री पद्मविमल सागरजी म सा ने कहा कि हम महावीर को जानते है, लेकिन मानते कम है। जानने के साथ मानने से ही स्वयं का कल्याण सम्भव है। प्रांजलजी जैन ने जीवन में जैनत्व को अपनाने की प्रेरणा दी। साध्वी श्री राजीमतीश्रीजी म सा से मंगल विचारों से धर्मसभा की मांगलिक शुरूआत हुई।
विशेष अतिथि दक्षिण पश्चिम रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारी श्री अजयजी जैन, वीएचपी के मंत्री श्री सुरेन्द्रजी जैन, जीतो एपेक्स अध्यक्ष श्री अभयजी श्रीश्रीमाल, जीतो के जोन चेयरमैन श्री प्रकाशजी सेठिया ने भी भगवान महावीर के अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए जीवन व्यवहार में उतारने का आह्वान किया।
इससे पूर्व प्रातः 6 बजे श्री जैन नवयुवक मंडल द्वारा कोण्डितोप में प्रभात फेरी निकाली गई एवं 6-30 बजे जिनालयों में जन्माभिषेक, स्नात्र महोत्सव, बड़ी पूजाऐं एवं भव्य अंगरचना हुई। सुबह 8 बजे अरिहंत शिवशक्ति अपार्टमेंट्स, पेरियमेडु से भव्य रथयात्रा, विभिन्न झांकियां, विविध संगीत मंडलों द्वारा भक्ति गीत एवं अनेकों बेंन्ड बाजों के साथ ढोल नगाड़ों से शहर के अनेक राजमार्गों से गुजरती हुई शोभा यात्रा श्री जैन दादाबाड़ी, अयनावरम पहुंची। शोभायात्रा की व्यवस्था मंडल शिरोमणि श्री चन्द्रप्रभु जैन सेवा मंडल ने की।
शोभायात्रा का अध्यक्ष श्री राजकुमारजी बड़जात्या एवं श्रेष्ठीवर्य संघवी श्री रमेशकुमारजी मुथा, श्री पन्नालालजी सिंघवी, श्री सुरेशकुमारजी कागरेचा द्वारा जैन ध्वज दिखाकर शुभारंभ किया गया। अयनावरम स्थित श्री जैन दादाबाड़ी प्रांगण में 10 बजे सभी मंचाचीन गणमान्यगणों ने भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्ज्वलित किया गया। धर्मसभा की शुरुआत में महिला समिति द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। शुभारम्भ में महिलाओं द्वारा समूह सामायिक की गई।
आज के कार्यक्रम के विशेष अतिथि दक्षिण पश्चिम रेल्वे से वरिष्ठ अधिकारी श्री अजयजी जैन, वीएचपी के मंत्री श्री सुरेन्द्रजी जैन, जीतो एपेक्स अध्यक्ष श्री अभयजी श्रीश्रीमाल, जीतो के जोन चेयरमैन श्री प्रकाशजी सेठिया का शाल, माला, तिलक एवं मोमेंटो द्वारा विभिन्न गणमान्यगणों द्वारा बहुमान किया गया।
सकल श्री संघ की नवकारसी के लाभार्थी श्रीमती चन्दादेवी कोठारी की प्रेरणा से श्रीमती बोबी कोठारी एवं श्री राकेशकुमारजी कोठारी खवासपुरा परिवार ने नवकारसी का लाभ लिया, उनका श्री जैन महासंघ द्वारा तिलक, शाल, माला, साफ़ा-चुनड़ी, मोमेंटो द्वारा सम्मान किया गया। नवकारसी में सम्पूर्ण व्यवस्था श्री तमिलनाडु जैन महामंडल एवं अनेकों सेवा भावी मंडलों का सहयोग रहा।
महोत्सव के संयोजक श्री पन्नालालजी सिंघवी ने बताया कि दादाबाड़ी में टेन्ट, साजों सज्जा, अनेकों संस्थाओं द्वारा विभिन्न काउंटरों एवं श्री जैन सहायक समिति सह श्री गौतमचन्दजी कांकरिया के सहयोग से 60 महिला गृह उधोग के काउंटर भी लगाएं गए। सेवा कार्य हेतु लगाएं गए 16 काउंटर लाभार्थियों का भी सम्मान किया गया। महोत्सव में गौतम प्रसादी के लिए भोजन समिति से अजीतजी लोढ़ा, किशनजी मरलेचा, वसन्तजी द्वारा बहुत ही सुन्दर व्यवस्था की गई।
प्रशासनिक सेवा कार्य के लिए काउन्सलर श्री राजेशजी जैन (रंगीला) का अपूर्व सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। समूह सामायिक कोन्सेपट ग्रुप, सायला एवं रात्रि भक्ति का फ्यूचुरा ग्रुप, उम्मेदाबाद ने लाभ लिया। श्री दादाबाड़ी श्री जिनकुशलसूरीश्वर जिनचन्द्रसूरीश्वरजी टस्ट द्वारा प्रतिवर्ष महोत्सव में पूरा परिसर उपलब्ध कराने हेतु आभार व्यक्त किया। रात्रि भक्ति की रमझट संगीत रत्न संघवी दीपक करनपुरिया एंड पार्टी, मुम्बई द्वारा की गई है। जिसमें जैन प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन श्री कान्तिलाल भण्डारी ने दिया। मंच का कुशल संचालन श्री बिपिन सतावत ने किया गया।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती