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महाप्रज्ञ बन कर ही महाप्रज्ञ को जान सकते : साध्वी श्री उदितयशा

महाप्रज्ञ बन कर ही महाप्रज्ञ को जान सकते : साध्वी श्री उदितयशा

आचार्य महाप्रज्ञ का 106वाॅ जन्मोत्सव ‘प्रज्ञा दिवस’ के रूप में मनाया गया

आगामी समायोजित मेघा हेल्थ चेकअप कैम्प के बैनर का हुआ अनावरण 

Sagevaani.com /चेन्नई: युगप्रधान प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का 106वाँ जन्म दिवस ‘प्रज्ञा दिवस’ साध्वी श्री उदितयशाजी ठाणा -4 के सान्निध्य में, नॉर्थ टाउन तेरापंथ परिवार के प्रायोजकत्व में, श्री सुमतिवल्लभ श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ भवन में सोमवार को मनाया गया।

 नमस्कार महामंत्र समुच्चारण के पश्चात साध्वी भव्ययशा, साध्वी शिक्षाप्रभा ने महाप्रज्ञ अष्टकम से मंगलाचरण किया।

 धर्म परिषद को सम्बोधित करते हुए साध्वी उदितयशा ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ की साधना द्वैत से अद्वैत की थी, भेद से अभेद की साधना थी। उनका चिंतन और अचिंतन की परिस्थित में सन्तुलन था। महाप्रज्ञ को जानने, समझने के लिए स्वयं हमें महाप्रज्ञ बनना पड़ेगा। महाप्रज्ञ राग-द्वेष से ऊपर उठ वीतराग की साधना में प्रणत थे। वे बाहर रहते हुए भी भीतर की साधना में रत थे। अपने सूक्ष्म शरीर की आराधना से संघ में अनेकों नवीनतम आयाम स्थापित किए।

 साध्वीश्री ने विशेष पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि हम शब्दों का कम प्रयोग कर सूक्ष्म शरीर, आत्मदर्शन के लिए ध्यान साधना में यात्रायीत बने।

 कुशल संचालन करते हुए साध्वी संगीतप्रभा ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ विविध रूपों से परिपूर्ण थे। वे कुशल संघ संचालक, महान दार्शनिक, विशद् वैज्ञानिक थे। महाप्रज्ञ सफल मन के ज्ञाता थे, सामने वाले के मन को पढ़, वस्तु स्थिती को जानने वाले कुशल कारीगर थे।

 साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने काव्यात्मक शैली के माध्यम से कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ प्रज्ञा का आलौक लिए, धरती पर महासूर्य की तरह दैदिप्यमान बने। हमें उनके गुणों को आत्मसात कर नतमस्तक बनना चाहिए।

 अपने आराध्य की अभिनन्दना में तेरापंथ सभाध्यक्ष अशोक खतंग, महिला मंडल, चेन्नई अध्यक्षा लता पारख, तेरापंथ युवक परिषद निवर्तमान अध्यक्ष संदीप मुथा ने अपने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल, चेन्नई ने सामुहिक गीतिका प्रस्तुत की।

 इस अवसर पर तेरापंथ सभा, चेन्नई के तत्वावधान में आगामी 29 जून को आयोजित होने वाले मेघा हेल्थ चेकअप कैम्प के बैनर का अनावरण किया गया। कार्यक्रम की समायोजना में नाॅर्थ टाउन परिवार के सदस्यों का महनीय सहयोग रहा।

 साध्वीश्री द्वारा आज रात्रि भोजन त्याग और आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन चरित्र पर आधारित ‘यात्रा एक अकिंचन की’ पुस्तक को पढ़ने का संकल्प दिला कर, मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

 समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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