चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि और गौतममुनि ने शुक्रवार को विहार कर सुरविर वाटिका पहुंचे। गौतममुनि ने कहा जिस प्रकार से बहनों को हार मिलने पर उन्हें खुशी मिलती है। उसी प्रकार से संतो को विहार होने पर खुशी मिलती है। विहार के दौरान संतो को नए नए क्षेत्रों के साथ नए श्रावक श्राविकाओं से मिलने का मौका मिलता है।
उन्होंने कहा मनुष्य में अगर हर लक्षण अच्छे हैं और वह समझदार लोगों की बातों को नही सुनता तो सब बेकार है। यह गुण हो या ना हो फर्क नही पड़ता है। लेकिन समझदार लोगों की बातों को सुनना और अमल करना अगर जीवन में आ जाए तो बेड़ापाड़ हो जाएगा। यही गुण मनुष्य को जीवन को आगे बढ़ाने वाले होते है। कितना भी गुणावान मनुष्य क्यों ना हो अगर समझदार लोगों के विचारों को नही सुनता तो बेकार है। समझदार मनुष्यों का बात मानने वाले मनुष्यों का जीवन धन्य बन जाता है।
उन्होंने कहा महापुरुषों का काम लोगों को सही दिशा दिखाना होता है। उनके बताए मार्गो पर चलना ना चलना मनुष्य के हाथों में होता है। जो मनुष्य महापुरुषों के उपदेशों को मानकर उनके बताए मार्गो पर चलते है उनका जीवन धन्य बन जाता है। उन्होंने कहा चातुर्मास के बाद विहार के प्रथम दिन यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है। इसमे संघ के लोगों का बहुत ही बेहतर सहयोग रहा है।
लोगों ने निष्ठापूर्वक धर्म आराधना कर चातुर्मास को सफल बनाया। सागरमनि ने भी उद्बोधन दिया। विनयमुनि ने मंगलपाठ सुनाया। इससे पहले गुरुभगवंत जैन संघ से सुबह आठ बजे विशाल वरघोड़ा के साथ ४९ पेरुमाल कोईल गार्डन में नथमल गौतमचंद दुगड़ के आवास पर पहुंचे और वहां पर प्रार्थना और महामांगलिक सुनाया।
इस आयोजन में महावीर छल्लाणी, प्रेम छल्लाणी और संज्जनराज कांकलिया का सहयोग सराहनीय रहा। संचालन ज्ञान कांकलिया ने किया। गौतमचंद दुगड़ ने बताया कि शनिवार को आचार्य जयमल महाराज की दीक्षा जयंती माली समाज भवन पेरुमाल कोइल गार्डन साहुकारपेट में मनाई जाएगी। इसके बाद 25 को युवाचार्य मधुकर मुनि महाराज की 35वीं पुण्य स्मृति दिवस तेरापंथी स्कूल साहुकारपेट में मनाई जाएगी।