चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट स्थित जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा श्रीकृष्ण गुणग्राही थे। वे सबसे बुरी चीज में से भी अच्छाई देखते थे। इसी तरह हर इन्सान को श्रीकृष्ण की तरह गुणग्राही बनना चाहिए।
श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ, देखा जाए तो केवल उनका ही जन्म जेल में नहीं हुआ, हर किसी का जन्म जेल में होता है। जेल यानी बंधन और जन्म होना सबसे बड़ा बंधन। जन्म हमेशा बंधन लाता है क्योंकि आत्मा का शरीर में आना ही सबसे बड़ी जेल है। जन्म के साथ ही मौत का वारंट निकल गया।
साध्वी ने कहा जिस समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ सारे पहरेदार सो जाते हैं, सारे बंधन व जेल के ताले टूट जाते हैं। भयानक बारिश हो रही थी ऐसे में पिता वसुदेव बच्चे को टोकरी में लेकर जाने को होते हैं देखते हैं ताला लगा है लेकिन ज्योंही हाथ लगाया ताले खुल जाते हैं और आगे बढ़ते जाते हैं।
अपना पुण्य बलवान हो तो कठिन परिस्थितियां भी अनुकूल बनती चली जाती हैं। ऐसे ही श्रीकृष्ण जिनका जीवन स्वयं में एक बहुत बड़ा शास्त्र है के जीवन से कुछ न कुछ शिक्षा लें।
उनका जीवन बोलता है, उससे हम कुछ सीख सकते हैं। साध्वी ने कहा तप-ज्ञान, जप से अपना कोष भरने की प्रेरणा दी। कृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों ने राधा-कृष्ण का वेश धारण कर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। संचालन मंत्री गौतम मेहता ने किया।