चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट स्थित जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने कहा जो महान लोग हुए उन्होंने माता-पिता की भक्ति की। हमारी संस्कृति उज्ज्वल इतिहास से परिपूरित है। एक नौजवान अपने पिता के लिए जिंदगीभर के लिए आजीवन ब्रह्मचारी रहने की भीष्म प्रतिज्ञा ले लेता है।
इस भारतीय संस्कृति ने ऐसे -ऐसे महापुरुष दिए हैं जो माता-पिता के लिए सब कुछ निछावर करने को तैयार हो गए। जहां पिता के एक वचन पर पूरा राजपाट छोडक़र 14 साल के लिए वनवास चले गए। यह भारतीय संस्कृति इतनी समृद्ध है।
महापुरुषों का जीवन चरित्र पढऩा चाहिए और अपने बच्चों को भी पढ़ाना चाहिए। उनको बताना चाहिए कि हमारे पूर्वज और हमारी संस्कृति कैसी थी। उनके जीवन में बड़े-बुजुर्गों के प्रति कितना आदर-सम्मान था।
आज हम अपने बच्चों को इतिहास के वे कथानक नहीं बताते। इससे बच्चों को पता ही नहीं लगता कि हमारा कितना प्यारा व उज्ज्वल इतिहास है।