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ज्ञान वाणी

मर्यादा एवं नियम पालन नहीं करने वाले को मानव जन्म दुबारा नहीं मिलता

चेन्नई.

पेरम्बूर जैन स्थानक में विराजित समकित मुनि का कहना है व्यक्ति कहता है जन्म लेना हमारे हाथ में नहीं पर भगवान कहते हैं सब कुछ तु हारे ही हाथ में है। तुम चाहो जहां जन्म ले सकते हो। जिसके जीवन में मर्यादा है वह भविष्य में दस अंग प्राप्त करता है जिनमें अच्छा खानदान, उत्तम कुल, उच्च गोत्र, महाबुद्धिमान, सबको प्रिय लगने वाला आदि शामिल हैं। उसके जीवन में भी दुर्भाग्य नहीं आता। मर्यादा एवं नियम पालन नहीं करता उसे भविष्य में मानव जन्म नहीं मिलता। भगवान ने कहा है मानव जन्म तो दुर्लभ है ही, उसे महाजन बनाना और भी कठिन है। जिसमें मार्गानुसारी के ३५ गुण हो उसे महाजन कहते हैं। धर्म करने से पहले योग्यता आनी चाहिए। जीवन में पहले कुछ गुण आते हैं तब धर्म आता है। इसमें पहला गुण मानवता का है। बिना इन्सानियत के महाजन नहीं बना जा सकता। परमात्मा के धर्म की आराधना महाजन की कर सकता है। धर्म केवल महाजन के हृदय में ही टिक सकता है। महाजन के बाद जो धर्म होगा उससे श्रद्धा पैदा होगी और श्रद्धा आने के बाद व्रतों में लगेंगे तो दस अंग मिलना सुलभ हो जाएंगे।

मुनि ने कहा जीवन क्षणभंगुर है इसमें पलभर में भाग्य बदल जाता है। मुनि इस मौके पर मास ामण के प्रत्या यान करवाए। ६८ बालक-बालिकाओं को कुव्यसन का सामूहिक त्याग करवाया गया। सोमवार को संगीत प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

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