दर्शन-वंदन, मांगलिक आशीर्वाद लेने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी का समिति ने किया स्वागत-सत्कार
बेंगलुरु। यहां वीवी पुरम स्थित महावीर धर्मशाला में चातुर्मासार्थ विराजित विश्वविख्यात अनुष्ठान आराधिका, ज्योतिष चंद्रिका शासनसिंहनी साध्वीश्री डॉ कुमुदलताजी के दर्शन-वंदन एवं मांगलिक आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राजस्थान के पाली से सांसद पीपी चौधरी पहुंचे। यहां गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के पदाधिकारियों द्वारा चौधरी का स्वागत सत्कार किया गया।
इस अवसर पर अपने प्रवचन में साध्वीश्री ने मन को पवित्र एवं निर्मल बनाने की सीख दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने मन, वचन एवं काया पर संयम रखना चाहिए। व्यक्ति अपने मन के माध्यम से ही शुभगति अर्थात मोक्ष की ओर तथा मन से ही नारकादि का बंध करता है। उन्होंने कहा कि संसार के समस्त प्राणियों के प्रति मन में शुभभावना रखनी चाहिए।
साध्वीजी ने भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपराओं का जिक्र करते हुए उन्हें सुरक्षित, संरक्षित एवं संवर्धित रखने की प्रेरणा देते हुए सकारात्मक चिंतन करने पर जोर दिया। डॉ कुमुदलताजी ने मयउदाहरण के प्रसंगवश कहा कि किसी का भी अहित नहीं सोचते हुए तथा अपने मन को पवित्र बनाते हुए इस दुनियावी संसार में रहकर धर्म की साधना की जा सकती है तथा आत्मा को कर्म बंधनों के भार से मुक्त रखा जा सकता है।
इससे पूर्व साध्वीश्री महाप्रज्ञाजी ने कहा कि जिसका मन कमजोर हो उसकी जिंदगी भी कमजोर होती है। उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से बच्चों में बचपन से ही धर्म संस्कृति एवं परंपराओं आदि के संस्कारों का बीजारोपण करने की प्रेरणा दी। महाप्रज्ञाजी ने प्रभु महावीर के जियो और जीने दो के संदेश को भी विस्तार से उल्लेखित किया।
साध्वीश्री डॉ पद्मकीर्तिजी ने समिति के तत्वावधान में आगामी पखवाड़े में होने वाले विविध धार्मिक कार्यक्रमों की रूपरेखा बताते हुए अधिकाधिक संख्या में जनजुड़ाव का आह्वान किया।
साध्वीश्री राजकीर्तिजी ने गीतिका प्रस्तुत की। समिति के महामंत्री चेतन दरड़ा ने संचालन करते हुए बताया कि धर्म सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर राजकीर्तिजी के पिताश्री पदमराज बोहरा (जोधपुर) ने भी साध्वीवृन्द के दर्शन का लाभ लिया।
चेतन दरड़ा ने बताया कि केजीएफ से सुगन चंद प्रकाश चंद धर्मीचंद धारीवाल परिवार, चेन्नई से सुशीला कोठारी के नेतृत्व में महिला मंडल सहित शहर के विभिन्न नगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समिति के सहमंत्री अशोक रांका ने बताया कि केजीएफ संघ द्वारा साध्वीवृंद के समक्ष शेषकाल की विनती की गई। अशोक रांका ने बताया कि जय जिनेंद्र प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। सभी का आभार समिति के कार्याध्यक्ष पन्नालाल कोठारी ने जताया।