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मन के मीटर को हीटर मत बनाओ: आगमश्रीजी म.सा.

मन के मीटर को हीटर मत बनाओ: आगमश्रीजी म.सा.

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली अध्यक्ष: विजयराज चुत्तर, मंत्री: हस्तीमल बाफना

-:कम्मनहल्ली में प्रवचन:-   

       श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने मन के मीटर के बारे में बताया। मन के मीटर को हीटर मत बनाओ, मगर फिल्टर बनाओ। अगर मन गरम र्हो तो कार्य बिगाड़ देगा,लेकिन शुद्ध मन कार्य को सुधार देगा। तंदुलमच्छ प्रसन्नचंद राजर्शी के माध्यम से बताया। आधुनिक काल में सभी मीटर आ गए पर मन को मापने का कौन सा मीटर आया है, या किसी ने बनाया है- तो हमें अपने मन को फिल्टर करना है।

प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने एफ यानी फिल्टर योर वर्ड्स अपने शब्दों को छाने। पानी को छानो कपड़े से और वाणी को छानो विवेक से। ठांंणागजी के चौथे में भी चार तरह के गलने बताए हैं। पहला मन को शुद्ध रखना। दूसरा- वचन विचार पूर्वक बोलना। तीसरा काया से जीव दया को पालना।

चौथा पानी का गलना, इस तरह विवेक रखना है। कर्नाटक मरुधर केसरी गुरु सेवा समिति के महामंत्री अशोककुमार धोका चन्नापटना के मंत्री कस्तूरचंद धोका उपस्थित रहे। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने स्वागत किया। मंत्री हस्तीमल बाफना ने अभिवादन किया। संचालन सुधीर सिंघवी ने किया।

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