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मन की शान्ति के लिए करे जाप: साध्वी सिद्धिसुधा

मन की शान्ति के लिए करे जाप: साध्वी सिद्धिसुधा
चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मो की वजह से लक्ष्मी और शनि आते जाते हैं।ऐसा कर्म नहीं करना चाहिए जिससे लक्ष्मी जाएं और शनि का प्रकोप बढे। मनुष्य को जीवन मे किसी को नाराज नहीं करना चाहिए, खास कर लक्ष्मी और शनि को तो बिल्कुल नहीं।
लक्ष्मी मा को पाने में शनि देव को नाराज नहीं करना। बल्कि कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे दोनों खुश रहें। किसी एक को खुश करने के लिए दूसरे को नाराज किया तो समस्या बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी जब जाती हैं तो मनुष्य का सुख चैन लेकर जाती हैं और शनि आते हैं तो सुख चैन चली जाती है।
मनुष्य को लक्ष्मी आने पर और शनि के जाने पर खुसी मिलती है, तो ऐसे ही कर्म होने चाहिए जिससे लक्ष्मी आती रहें और शनि जाते रहें। उन्होंने कहा कि नवग्रह मनुष्य के जीवन के दुख को दूर करने वाले होते हैं। इसमे लक्ष्मी , शनि राहु और केतु समेत सब ग्रह शामिल हैं। नवग्रह शांति का जाप कर सभी को प्रसन्न किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि शनि को खुश करने के लिए लोग हजारों किलो तेल चड़ाते है। लेकिन उस तेल का भगवान उपयोग नहीं करते हैं। यह उनका आहार नहीं है। नवग्रह शांति जाप उन्हें प्रसन्न करने के लिए है तो इसका ज्यादा लाभ लेकर सभी ग्रह के देवता को खुश कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य पर अगर शनि का प्रकोप है तो यह उसके कर्मो की वजह से है।
अपने अशुभ कर्मो की वजह से मनुष्य ग्रह को आमंत्रित करता है। कर्म का जब भी बंध होगा तो शनि नाराज होकर आएंगे। उन्होंने कहा कि मनुष्य अगर समय रहते ग्रह के प्रकोप को समझ जाएगा तो उसके जीवन की सारी तकलीफे दूर हो जाएगी। शनि का कलर काला होता है और गलत कर्मो का रंग भी काला होता है।
जाप के माध्यम से शनि के प्रकोप को खत्म कर सकते हैं। जीवन मे आगे जाना है तो शांति जाप के महत्व को समझ कर जीवन को बदल लेना चाहिए।  उन्होंने कहा कि जो शांति जाप सच्चे मन से करेंगे उनके जीवन ने बदलाव आ जायेगा।रविवार को मातृ पितृ वन्दना कार्यक्रम रहेगा, धर्म सभा मे मोहन लाल कांकरिया, छोटमल लोढा, गौतम चंद मूथा , जीवन मल छाजेड  सहित गणमान्य लोगो की उपस्थिति रही 

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