चैन्नई। स्वार्थ का हैं। यह संसार शनिवार को साहूकार पेठ एस.एस.जैन भवन मे महासती धर्मप्रभा ने विशाल धर्मसभा को सम्बोंधित करतें हुए कहा कि दुनिया मे रिश्ते नाते सब नाम के हैं। यहा कौई किसी का नही हैं। इंसान दुनिया में अकेले आया था औंर अकेले ही जायेगा। मोह और अज्ञान के कारण सभी जीव आत्मा अनादि काल से संसार मे जन्म एवं मरण कर रहा हैं।
भगवान महावीर ने ज्ञान को सच्चा प्रकाश बताया हैं। जब वह प्रकाश हमारे भीतर प्रकृट होगा ।तभी जन्म मरण से छुटकारा मिलेगा,और आत्मा अजर अमर सुख को प्राप्त कर सकेगी। यह तभी संभव है , जब हमारा अज्ञान और मोह दूर हो जायेगा। अज्ञान और मोह को दूर करने के लिए मानव को संसार कि नश्वरता अस्थिरता पर गहन चिंतन कर धर्म के पथ पर अग्रसर होगा। संसार के रिश्ते नाते मोह और अज्ञान को एक सच्चा साधक ही समझ सकता हैं ।
साध्वी स्नेहप्रभा ने उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन करतें हुए श्रोताओं से कहा कि मानव धर्म,कल्याण मोक्ष का मार्ग जानता हैं। किन्तु मोह और अज्ञान के कारण कल्याण के मार्ग पर आ नही सकता है। मोह उनके धर्म कार्य में बाधा और अवरोध पैदा करता हैं। कितनी ही आत्माएं ऐसी है जो धर्म तत्व ए़़ आगम के ज्ञान को सयंक प्रकार से जानती हैं किन्तु म़ह भी उनके पुरषार्थ रूकावट बन जाता हैं। ऐसी स्थिति मे जब कुछ जानने वाला भी न जाने वाला जैसा हो जाता हैं।
एस. एस. जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अतितराज कोठारी, कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया, सुरेश डूगरवाल, जितेन्द्र भंडारी, भरत नाहर आदि पदाधिकारियों और सैकड़ों श्रावक श्राविकाओ की धर्म सभा में उपस्थित रही। इसदौरान उपवास आयंबिल एवं सिद्धि तप की साधना करने वाले सभी बहनों साध्वी धर्मसभा से प्रत्याख्यान लिए। रविवार 9 जुलाई को एस. एस. जैन भवन साहूकार पेठ मे साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा के प्रातः 9 बजें से विषेश प्रवचन रहेंगे।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
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