हावड़ा. मनुष्य में वर्तमान में प्रेम, दया व शर्म आदि गुणों की कमी हो रही है। हावड़ा में चल रही सात दिवसीय गौ कृपा कथा के दूसरे दिन बुधवार को साध्वी श्रद्धा गोपाल दीदी ने प्रवचन के दौरान गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए उद्गार व्यक्त किए। साध्वी ने कहा कि वर्तमान में मनुष्य पुराने आदर्शों को भूलता जा रहा है।
आधुनिकता की दौड़ में तैतीस करोड़ देवी देवताओं को तन में धारण करने वाली गौ माता को लोग खुला छोड़कर लोग पुराने आदर्शो से दूर रहे हैं। गो सेवार्थ 25वें वर्ष में 7 दिवसीय गो कृपा महोत्सव के रजत जयंती समारोह में साध्वी ने गौ भक्तों को गौ माता के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
यह गौ कथा 14 जनवरी तक चलेगी। हावड़ा के लक्ष्मी विलास गार्डेन, हावड़ा हाउस इस कथा का आयोजित की गई है। इस गौ कथा को सुनने के लिए हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं।
आयोजन केशरदेसर जाटान गोशाला सेवा समिति (बीकानेर) ने किया है। संचालक माहेश्वरी सेवा परिषद और संयोजक जुगल चांडक के तत्वावधान में समारोह हो रहा है।
सुन्दर लाल दुगड़, जय नारायण बोथरा, रमेश लखानी, बाबू लाल मोदी, मूल चंद राठी, कार्यकर्ता में इन्द्र चन्द्र चांडक, पवन झंवर, बुलाकी डागा, पवन चांडक, अशोक चांडक, ओम प्रकाश चांडक, सीताराम मोहता, कमल बाहेती, प्रयागचंद चांडक, घनश्याम करनानी, राजेश करनानी, हरि किशन मोहता, मूल चंद मोहता, किशन बाहेती, राज कुमार बाहेती, जितेन्द्र चांडक, सीता राम झंवर, शिव शंकर मूंधड़ा, दुलीचंद चांडक, सुरेश कोठारी, , बजरंगलाल मूंधड़ा, उमाशंकर मूंधड़ा, पूनमचंद मूंधड़ा, नंदकिशोर मूंधड़ा, राजकुमार बाहेती समेत सैकड़ों कार्यकर्ता सक्रिय हैं।