चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि जगत के समस्त जीवों के कल्याण के लिए ही परमात्मा ने मोक्ष के मार्ग का गठन किया है। कुछ मनुष्य अपने अच्छे कर्मो से इस मार्ग को आसानी से प्राप्त कर लेते है और कुछ लोग गलत कार्यो से नर्क में चले जाते है।
जो परमात्मा के साथ अपने जीवन को जोड़ता है वहीं वास्तव में भक्त होता है। परमात्मा से दूर रहने वाले विभक्त कहलाते है। उन्होंने कहा परमात्मा के दिव्य वचनों को जीवन में उतारने से ही जीवन का कल्याण संभव हो पाता है। इस मार्ग पर चल कर मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
साध्वी समिति ने कहा जीवन की दरिद्रता को दूर कर परम पावन बनाने के लिए सदगुरु के चरणों में जाने की जरूरत है। गुरुओं के बताए मार्गो पर अगर मनुष्य चलने की ठान ले तो आत्मा का कल्याण होने में देरी नहीं लगेगी। जीवन उसी का बदलता है जो कुछ कर गुजरने का संकल्प लेते है।
सोचने से किसी को कुछ हासिल नहीं होता। अगर सोचने से सब कुछ बदल जाता तो इस दुनिया में हर व्यक्ति की अलग पहचान होती। लेकिन ऐसा सोचने से संभव नहीं हो सकता, बल्कि सोचने के बाद उस पर टिक कर लगन से काम करने से जीवन में बदवाल आते है।
सोलह सतियों ने जीवन में कुछ करने का ठाना था और कर गए। उनके बताए मार्गो पर चल कर हम भी बदल सकते हैं। उसके लिए चिंतन करने की जरूरत है। इससे पहले साध्वी सुविधि ने नवग्रह शांति जाप कराया।