आज यमुनानगर में मॉडल टाउन एरिया में स्थित जैन धर्म स्थानक में उप प्रवर्तक महाश्रमण पंडित रत्न श्री आनंद मुनि जी महाराज व प्रवचन दिवाकर श्री दीपेश मुनि जी महाराज के मांगलिक सानिध्य में प्रातः स्मरणीय आचार्य गुरुदेव श्री मंगल सेन जी महाराज की 102 वी पुण्यतिथि के पुण्य प्रसंग पर अरिहंत और सिद्ध भगवान की स्तुति पाठ णमोत्थुणं की साधना करा कर बड़े सुखद एवं शांति पूर्ण माहौल के साथ जैन धर्म स्थानक के खचाखच भरे हाॅल में कराया गया।
इस मांगलिक पुण्य अवसर पर श्री आनंद मुनि जी महाराज ने प्रातः स्मरणीय आचार्य श्री मंगल सेन जी महाराज का जीवन परिचय रखते हुए कहा कि गुरुदेव का जन्म परसरामपुर शेखावाटी जिला सीकर में हुआ संतों का पदार्पण होने पर उन्हें वैराग्य की धारा मिली कालान्तर में उन्होंने उत्तर प्रदेश के कांधला कस्बे में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण कर अपना और अपने सानिध्य में आने वाले हजारों हजार लोगों का मार्गदर्शन कर जीवन प्रशस्त एवं धन्य किया। और अपने जीवन का अंत जानकर उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में बड़ोत शहर में अपनी पुण्य स्थली का चुनाव किया और श्रावण शुक्ला एकादशी के दिन आचार्य गुरुदेव का स्वर्ग गमन आठ दिवसीय सल्लेखना संथारे सहित स्वर्ग गमन हुआ।
उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि आचार्य गुरुदेव का जीवन बड़ा साधना परक संयम परक और तपमय था। उनकी अनेक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए उनकी तिलिस्मी घटनाओं को रखा। इससे पूर्व श्री दीपेश मुनि जी ने गुरुदेव के संयमित और संतुलित जीवन प्रसंगों का जिक्र करते हुए तीन घटनाओं को रखा । आज के पुनीत प्रसंग पर श्री संघ के द्वारा भंडारे का आयोजन भी किया गया और बच्चों के द्वारा सामायिक का पूरा परिधान पहनकर सामायिक की गई और अर्हन जैन दक्ष जैन ने गुरुदेव की महिमा पर अपना एक भजन भी प्रस्तुत किया और साथ ही अभिषेक जैन आकाश जैन ने भी अपना सुंदर भजन रखा।
और अंत में संघ के अध्यक्ष श्री राकेश जैन संघ के महामंत्री श्री संदीप जैन के द्वारा आए हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया और सामायिक करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप उनका सम्मान चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष श्री आनंद जैन ने किया एवं महिला मंडल ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई ।