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मधुर बोलने वाला व्यक्ति मिर्च के व्यापार में भी तरक्की कर लेता है : देवेंद्रसागरसूरि

मधुर बोलने वाला व्यक्ति मिर्च के व्यापार में भी तरक्की कर लेता है : देवेंद्रसागरसूरि

श्री सुमतिवल्लभ मूर्तिपूजक जैन संघ में आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने अपने प्रवचन के माध्यम से कहा कि शब्द के प्रयोग में लालित्य, माधुर्य और विवेक बड़ी साधना है, जो सदा सुवचन बोलता है वह समय पर बरसने वाले मेघ की तरह सदा प्रशंसनीय और जनप्रिय होता है। हम जिन शब्दों का उच्चारण करते हैं उनकी गूंज वातावरण के माध्यम से सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में समा जाती है। अगर हम मृदु वचन बोलेंगे तो इनका प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर अच्छा पड़ेगा। शब्दों की शक्ति अतुलनीय है।

बोलने से पूर्व शुद्धता, विनम्रता और दयालुता को प्रतिबिंबित करने, व्यवहार को प्रभावी बनाने के लिए शब्दों का चयन हमेशा सावधानी से करें। वाणी की कोमलता, शब्दों की मधुरता, स्वभाव की शीतलता, विचारों की सुंदरता और हृदय की विशालता जीवन के सफर को सुमधुर और रिश्तों को सुगंध से भर देती है। वे आगे बोले कि शब्दों की शक्ति का आभास इस बात से लगाया जा सकता है कि बड़े से बड़े युद्धों का कारण गलत शब्दों का प्रयोग बना है। हृदय से बोले गए शब्द मुझे क्षमा करें और धन्यवाद आज भी कानों में मिश्री घोल देते हैं। ये छोटे से शब्द बड़ी से बड़ी लड़ाई और हानि को टालने का दम रखते हैं। लोग तो यहां तक कहते हैं कि मधुर शब्द बोलने वाला व्यक्ति मिर्च के व्यापार में भी तरक्की कर लेता है। इसके विपरीत कर्कश शब्द बोलने वाला व्यक्ति शहद भी मुश्किल से बेच पाता है। उसके व्यवहार से खरीददार बचते हैं। वे व्यक्ति जो जीवन भर अच्छे शब्दों का प्रयोग करते हैं उनका जीवन भी अच्छे शब्दों की तरह सुंदर बन जाता है।

इसलिए अच्छे शब्द मन को अध्यात्म और आनंद की अनुभूति प्रदान करते हैं। मधुर वाणी मन को मोह लेती है। शब्दों के माध्यम से भाव और रिश्ते का अनुभव होता है। शब्दों से ही व्यक्ति अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है। सही मायनों में शब्द हमारे विचारों की मुद्रा होते हैं। उनके बिना न तो हम सोच सकते हैं और न ही अपना कोई कार्य कर सकते हैं। कई बार सोच-समझ कर किए गए अच्छे शब्दों का प्रयोग व्यक्ति का जीवन बदल देता है। सही बात सही समय पर केवल अच्छे शब्दों के माध्यम से ही की जा सकती है। कई बार व्यक्ति अनुचित शब्दों का प्रयोग करके अपने चरित्र और रिश्ते पर प्रश्नचिह्न लगा देता है।

सिर्फ सही बात को सही समय पर कहना ही कला नहीं है बल्कि सर्वाधिक इच्छा होने के बावजूद गलत बात को बिना कहे रह जाना उससे भी बड़ी कला है। शब्दों की शक्ति असीम है। व्यक्ति की वाणी ही उसका व्यक्तित्व निर्धारित करती है। हम अपनी वाणी के माध्यम से ही लोगों से जुड़ सकते हैं, अपने प्रेम को बांट सकते हैं। प्रेम भरी बोली का अमूल्य है जो व्यक्ति के जीवन में बहुत सहायक होती है। व्यक्ति वाणी के ही माध्यम से अपने आपको ऊपर उठा सकता है और नीचे गिरा सकता है। वाणी की मधुरता ही मानव जीवन का आनंद माना गया है। वाणी की मधुरता से ही हम हर किसी का दिल जीत सकते हैं।

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