तप वह प्रयोगशाला है जहाँ आत्मा तपकर स्वर्ण समान निखर जाती हैं| तप जीवन में सुनहरी सौगात को लाता है। हिमायती हिम्मत के बिना तप की साधना संभव नहीं है। फौलादी साहस के द्वारा ही तप शिखरों पर चढा जा सकता है। तप शुरवीरों का मार्ग है इस पथ पर मनोबली ओर हिम्मतवान व्यक्ति ही बढ सकता है। मनोबल की ही नीव पर तपरूपी महल खड़ा होता है। तप को अपनाने वाले धन्य होते हैं।
इसी कड़ी में मदुरै के तीन तपस्वी अग्रसर है। सभा के मंत्री धीरज दूगड़ , तेममं उपाध्यक्ष रेखा दुगड, तेममं कोषाध्यक्ष सपना गोलछा ने जीवन में कीर्तिमान बनाया है। दो मास खमण और 21 का तप कर कुल पर स्वर्णिम कलश चढ़ाया है। उपरोक्त विचार शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री अर्हत् कुमार जी ने मास खमण तप अभिनंदन मैं व्यक्त किये,उन्होंने आगे कहा-सभा मंत्री धीरज दूगड़ ने मनोबल का परीचय दिया है और अपने परिवार में पहला मास खमण किया है रेखा दुगड ने 21 का तप कर कुल का नाम रोशन किया है।
पडीहारा का दुगड परिवार नामी है इस परिवार में संथारा, अठाई,पखवाडा हो चुके हैं । भाई नरपत जी सुमंगल साधना कर रहे हैं और श्रावक पड़ीमा की चोथी परीपाटी पूरी कर चुके हैं ओर सेवा में तत्पर रहते हैं। बिदासर के मालचंदजी गोलछा जो अच्छे, सुप्रतीष्ठत श्रावक थे । यह परिवार बिदासर का नामी है। सपना गोलछा ने हिम्मत का परिचय दिया है। इनके परिवार में यह पहला मासखमण है । विमला बाई महिला मंडल के ठाकर है और अच्छा काम करने वाले हैं । ऐसे ही तप में आगे बढ़ते रहे । गुरुदेव की महती कृपा से मदुरै में तप के सावन की रिमझिम बारिश की सौरभ से दसों दिशाएं महक रही है।
तप जीवन का सार व आत्मा का श्रृंगार है। तपस्वी ऐसे ही तप के पथ पर आगे बढ़ते हुए जीवन को सार्थक एवं सफल बनाएं और मदुरै में तप का ऐसे ही अभिनव माहौल बना रहे व तप का रंग बरसता रहें ।
युवा संत मुनि भरत कुमार जी ने कहा- तप मुक्ति का चौथा द्वारा, जो करता इसको स्वीकार ।
उसका होता भव से पार, वीर प्रभु के यह उद्गार ।।
बाल संत जयदीप कुमार जी ने तपस्या पर प्रकाश डालते हुए सुमधुर गीतिका का संगान किया ।
दूगड़ परिवार की ओर से चंदाबाई ने ,नरपत जी, सरला दूगड़ और त्रिपुर से आए संजू दुगड एवं कोयंबतूर से कुसुम,भावना बोथरा आदि ने वक्तव्य गीतिका कविता के माध्यम से अच्छी प्रस्तुति दी । गोलछा परिवार की ओर से मिथी गोलछा , जितेंद्र गोलछा, विमला बाई मनीष बोथरा, विजयवाड़ा राजेश जी ने तपस्वीयो के प्रति अपनी अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल ने रोचक एवं शानदार नाटक की प्रस्तुति दी।
सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जी ने साध्वी प्रमुखा श्री जी द्वारा प्रदत्त संदेश का सभा में वाचन किया ओर तपस्वी के प्रति अनुमोदना व्यक्त की । तेममं अध्यक्षा ने एवं ते. सभा के सहमंत्री नितिन दुधोडिया ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया । गणेशमलजी श्यामसुखा एवं डीनल कोठारी ने तप का अभिनंदन तप से किया। अंत मे सभी तपस्वियों का माला ,शाल द्वारा बहुमान एवं सभा की ओर से अभिनंदन पत्र दिया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि भरत कुमार जी ने किया।