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मतिबल, धृतिबल, संकल्पबल के पुरोधा थे आचार्य भिक्षु : साध्वी अणिमाश्री

मतिबल, धृतिबल, संकल्पबल के पुरोधा थे आचार्य भिक्षु : साध्वी अणिमाश्री

तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन

साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तेरापंथ स्थापना दिवस का भव्य एवं संघप्रभावक कार्यक्रम आयोजित हुआ।
  

साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा- आचार्य भिक्षु विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। वे प्रखर तपोबली, अटल मनोबली, अतुल योगबली, अथाह आगमज्ञानबली एवं प्रातिभज्ञानबली थे। उन्होंने अपनी विलक्षण मेधा से तेरापंथ की संख्या के आधार पर नहीं अपितु विलक्षण व्याख्या हुए कहा कि हे प्रभो! यह तेरापंथ। यह तुम्हारा पंथ है, हम तो मात्र इस पथ पर चलने वाले राही है। प्रभु के मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर अरावली की घाटियों पर आरोहण किया। चलते-चलते केलवा पहुंचे। आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जिनवाणी – सम्मत दीक्षा ग्रहण की। वही बेला तेरापंथ की आधारशिला के रूप में प्रतिष्ठित हो गई और तेरापंथ की स्थापना हो गई।
 

साध्वीश्रीजी ने आचार्य भिक्षु के जीवन की घटनाओं के आलोक से लोक व्यवहारिकता, सत्य के प्रति आस्था, गुरु विनय, धैर्य और अदम्य साहस आदि विशेषताओं का मानवीय जीवन से संबंध स्थापित करते हुए फरमाया कि इन विशिष्ट गुणों को यदि जीवन में समाविष्ट कर लिया जाए तो पारिवारिक सौहार्द व सामंजस्य में अभिवृद्धि तथा सामाजिक स्तर पर अनेक समस्याओं का समाधान संभव है।

 

साध्वी श्री ने कहा- आचार्य भिक्षु का मतिबल, धृतिबल, संकल्पबल गजब का था। उनके धृतिबल ने तेरापंथ को नई पहचान दी। हमने आचार्य भिक्षु को अपने आराध्य के रूप में स्वीकार किया। उनकी धृति का, समता का कुछ अंश हमारे भीतर अवतरित हो जाए तो जीवन का कायाकल्प हो जाएगा एवं आज का दिन मनाना सार्थक हो जाएगा।
 

साध्वी सुधाप्रभा ने मंच संचालन करते हुए कहा आचार्य भिक्षु सिद्धहस्त कृषक थे। उन्होंने अपने हाथ से जिस बीज का वपन किया, वह वटवृक्ष बनकर आप और हम सबको शीतल छाया दे रहा हैं। साध्वी मैत्रीप्रभा ने कहा- आचार्य भिक्षु सत्य के पुजारी थे। वे सत्य बनकर जीए एवं सत्य प्राप्ति ही उनकी साधना का ध्येय था। तेरापंथ सभाध्यक्ष श्री प्यारेलाल पितलिया, तेयुप के वरिष्ट उपाध्यक्ष श्री विकास कोठारी, महिला मंडल से श्रीमती बसंता बाबेल ने श्रद्धासिक्त भावों से आचार्य भिक्षु की अभिवंदना की।

श्री राकेश मांडोत ने सुमधुर गीत का भावपूर्ण संगान कर पूरी परिषद को भिक्षुमय बना दिया। कन्यामंडल से सुश्री भवि बाफना, हार्दिका मुथा, निवृत्ति जैन, देशना जैन, अक्षि बोहरा, खुशी मुथा, खुशी रांका ने मंगल संगान किया। सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड़, तेयुप मंत्री संतोष सेठिया, महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी ने आगामी कार्यक्रमों की अवगति दी।
           

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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