साध्वी अणिमाश्री ने तेरापंथ भवन में भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान साधना के द्वितीय चरण में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विधिपूर्वक किया गया जप अनुष्ठान व्यक्ति की भीतरी ऊर्जा को संवर्धित करता है। बीज मंत्रों का जप व्यक्ति को शक्तिशाली तो बनाता ही है साथ ही साथ आनेवाली अनेक प्रकार की बाधाओं से बचा लेता है। मंत्र जाप के प्रति घनीभूत श्रद्धा के साथ निरन्तरता व नियमितता जप साधना को प्राणवान बना देती है। मंत्र जाप के द्वारा व्यक्ति अपनी प्रसुप्त शक्तियों को जाग्रत करता है। नियमित किया जाने वाला जप अनुष्ठान सिद्धि की दिशाओं का उद्घाटन करता है।
मंत्र जप की ध्वनि तरंगें इतनी प्रभावशाली होती है कि वे पूरे वातावरण को तरंगित कर देती है। वह भूमि भी पवित्र बन जाती है, जहां साधक पवित्रता के साथ जप करता है। विधिपूर्वक ग्रहण की हुई औषधि और पथ्य भोजन हितकारी होता है, वैसे ही विधि-विधान सहित किया गया जप अनुष्ठान भी अत्यधिक मंगलकारी होता है।
जरूरत है, व्यक्ति जप-तप की शक्ति से परिचित बनकर जीवन को सफल बनाएं। साध्वी श्री ने कहा- आज भक्तामर की साधना का अनुष्ठान संपन्न हुआ है। सैंकड़ों भाई-बहनों ने उत्साह, श्रद्धा व निष्ठा के साथ अनुष्ठान किया है। यह अनुष्ठान आपके जीवन को नई दिशा एवं नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस जप-अनुष्ठान की ऊर्जा सम्पूर्ण जीवन को ऊर्जामय बना देगी।
साध्वीश्री ने भक्तामर की सच्ची घटना का विवेचन कर स्तोत्र के प्रति आस्था को ओर अधिक धनीभूत किया। साधकों को साध्वीश्री ने ऋद्धि-मंत्रों का उच्चारण कराया। साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी सुधाप्रभा, साध्वी समत्वमशा, साध्वी मैत्रीप्रभा ने भक्तामर का पाठ करवाया। तेरापंथ सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड़ ने आगामी कार्यक्रमों की अवगति दी।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई