Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

मंत्र का विकसित रुप है यंत्र: मुनि रमेश कुमार

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन के तत्वावधान में मुनि रमेश कुमार जी के सान्निध्य में साधिका चित्रा जैन के निर्देशन में जैन यंत्र मंत्र कार्यशाला एवं प्रर्दशनी का आयोजन किया गया ।

जैन यंत्र मंत्र विज्ञान को समझाते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- जैन आगमों में विद्या शब्द का बहुत प्रयोग हुआ है । उसमें अनेक प्रकार की प्राच्य विद्याओं में यंत्र- मंत्र विद्या भी रही हैं ।

यंत्र वास्तव में मंत्र का विकसित रुप और चित्रात्मक स्वरुप है। यंत्र साधना तभी परिपूर्ण होती है जब शास्त्र सम्मत विधि साथ नि:स्वार्थ भाव से उस विधा को सिद्ध किया जाये। यंत्र साधना में उनकी रचना संख्या भी निर्दिष्ट रहती है।

इसी प्रकार यंत्र अंकात्मक और शब्दात्मक रुप से लिखने का विधान है ।इन विद्याओं का प्रयोग आध्यात्मिक उन्नयन में हो होना चाहिए ।

आजकल संसारी व्यक्ति जीवन की समस्याओं के समाधान हेतु भी करते हैं । साधना से स्वकल्याण की भावना को प्रमुखता देनी चाहिए ।

इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार के महामंत्रोच्चारण से कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। ट्रिप्लीकेन तेरापंथ समाज की बहनों ने मंगलाचरण किया । संयोजिका प्रियंका बोहरा ने परिचय देते हुए समाज की ओर से स्वागत किया ।

मुनि सुबोध कुमार ने कहा वर्तमान में दो चीजें की ओर हमारा ध्यान जाता है । समस्या और समाधान । इन्हें जीवन से अलग करते है तो जीवन का मूल्य ही नहीं रहता । जीवन का पूरा का पूरा इसमें बीत जाता है ।

चुनौतियों यदि जीवन में न हो तो जीने का आनंद ही नही आता । जैन धर्म जीवन की दर समस्या का समाधान देता आया है ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए । डॉ चित्रा जैन ने बताया कि जैन मंत्र साधना से जीवन में सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है ।

ऐसे ही मंत्रों की साधना करते हुए बनाए गए यंत्र भी जीवन में बडे बदलाव ला सकते हैं । उन्होंने अपने जीवन में हुए परिवर्तन का उल्लेख किया । 36 वर्षों से मैं तप जप के साथ यंत्र साधना कर रही हूँ ।

रेकी मास्टर चित्रा जैन ने साधना के बहुत से मार्ग भी बताए उन्होंने उल्लेख किया बच्चों के जीवन को सही दिशा देने के लिए डी,एम,आईटी ,टैस्ट ओर अपने जीवन को बेहतर जानने के लिए ओरा *( आभा मंडल )* भी रीडिंग भी आप करवा सकते हैं ।

उपल्बधि जैन ने इस अवसर पर डी, एम ,आइ , टी, टैस्ट की वैज्ञानिक पहलू की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा- कार्यशाला में मनुष्य मस्तिष्क के दांए ओर बांए भाग किस तरह काम करते हैं ओर पिनियलग्लैडस् को कैसे एक्टिव किया जा सकता है । इस बारे में पूरी जानकारी दी गई ।

प्रवचन के पश्चात् मुनि श्री रमेश कुमार जी ने प्रदर्शनी स्थल पर मंगलपाठ सुनाया । उपस्थित लोगों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया ।

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन ( चैन्नई )

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar