“जो कृष्णगिरी आया है वह मांगा हुआ पाएगा ही और पाके ही रहेगा”
कृष्णगिरी में अष्ट दिवसीय भैरव महापुराण कथा–अभिषेक एवं हवन यज्ञ में आहुतियां जारी, श्रावणी अमावस्या पर ढाई हजार जरूरतमंद लोगों को राशन किट के महादान का वितरण कल
कृष्णगिरी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स सहित दुनिया भर में अनेक रिकॉर्ड्स में नामित विश्वविख्यात धार्मिक, चमत्कारिक आध्यात्मिक तीर्थ स्थल कृष्णगिरी शक्तिपीठ में यदि कोई श्रद्धावान व्यक्ति आया है तो उसे श्रीपार्श्वपद्मावती एवं भैरवदेव की पूर्ण भक्ति एवं विश्वास के साथ आराधना करते रहना चाहिए। साथ ही गुरु आज्ञा में अपने पुण्य कर्मों को तेज करना चाहिए ताकि किसी भी कार्य को वह करेगा तो उसमें निश्चित सफलता मिलेगी।
यह विचार कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत, पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने बुधवार को व्यक्त किए। श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम में अष्ट दिवसीय श्री महाभैरव कथा पुराण, अभिषेक एवं हवन यज्ञ के दौरान अपने अमृतमय प्रवचन में उन्होंने कहा कि हमारा पुण्य तेज होगा तो सामने वाला कोई हमारा काम नहीं भी कर रहा होगा तो भी पुण्य की वजह से वह कार्य हो जाएगा और पुण्य कमजोर रहेगा तो कितना भी जोर लगालो फिर भी वह कार्य नहीं होगा। इसके लिए जरुरी है भैरवदेव की भक्ति, गुरु के प्रति पूर्ण समर्पित विश्वास।
उन्होंने कहा कि गुरुदेव के प्रति विश्वास रखें कि यह मेरा काम होना है और होगा ही। उन्होंने यह भी कहा कि ईमानदारी से भैरव देव की भक्ति, आराधना की विशेषता–उपयोगिता है, इसे समझना आवश्यक है। इस मौके पर उन्होंने श्रीभैरव पुराण में उल्लेखित 64 भैरव एवं 64 योगिनियों के दुर्लभ नाम,रुप की व्याख्या के साथ उपस्थित श्रद्धालुओं को सामूहिक स्तुति वंदन कराया। आराधना के साथ-साथ पुण्य कार्यों को अधिक से अधिक करने की सीख देते हुए पूज्य गुरुदेव ने श्रावणी अमावस्या, शुक्रवार के दिन किसी भी जरूरतमंद को सहयोग अथवा दान करने की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि गुरु निश्रा अथवा आज्ञा से सामर्थ्यनुसार दिवस विशेष पर छोटा सा दान महाकल्याण कर सकता है। शुक्रवार, 26 अगस्त को कृष्णगिरी तीर्थ धाम में जिले की हर तहसील, गांव के करीब ढाई हजार जरूरतमंद निर्धन, जरूरतमंद गरीब परिवारों में व्यापक स्तर पर राशन किट का महादान किया जाएगा। इस मौके पर मंत्र शिरोमणि संतश्रीजी ने कहा कि जो कृष्णगिरी आया है वह मांगा हुआ पाएगा ही और पाके ही रहेगा। यहां विराजित भगवती पद्मावती देवी की कृपा सोने का पहाड़ खड़ा करके दे सकती है। उन्होंने कहा अल्पकालीन भक्त नहीं बने, कृष्णगिरी में आकर मां पद्मावती एवं भैरवदेव की, धर्म की पूजा करें स्वार्थ की नहीं। सच्चे मार्ग में रहेंगे तो गुरुकृपा से उन्हें सच्चा मार्गदर्शन भी मिलेगा।
सर्वधर्म दिवाकर डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज साहब यह भी बोले कि जिन्हें धर्म की परिधि में रहकर भक्ति करनी है उनके लिए कृष्णगिरी से बेहतर इस धरा पर कुछ भी नहीं हो सकता। भैरव महापुराणजी की आरती एवं हवन यज्ञ का लाभ गायत्री परिवार ने लिया। प्रतिदिन की भांति शाम के सत्र में श्रीसिद्ध भैरवदेवजी का भव्यातिभव्य रुद्राभिषेक हुआ। इसके बाद हवन यज्ञ में आहुतियां दी गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव किया गया।