कृष्णगिरी. प्रभु भक्ति में भाव की प्रधानता बताई गई है। भक्ति के लिए व्यक्ति के मन में श्रद्धा, विनय, विवेक और विश्वास जरूरी है। श्री पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ धाम के पीठाधिपति डॉ. वसंत विजय ने होली पूर्णिमा के दिन भोमियाजी मेले के अवसर पर तीर्थ धाम में हवन यज्ञ में आहुतियों के कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा भोमियाजी के इस विशेष विधान की विशेषता है कि नास्तिक को भी आस्तिक का लाभ मिल जाता है। नम: नम: से वंदन करने से पीड़ाओं का नाश और व्यक्ति का कल्याण होता है।
विधिवत मंत्र जाप विधि से भोमियाजी की प्राण प्रतिष्ठा एवं आह्वान कर विभिन्न द्रव्यों से मनोवांछित फल के लिए यज्ञ हवन हुआ। इस मौके पर डॉ वसंतविजय ने आओ-आओ म्हारा भोमिया देव म्हारे घर आओजी, बाबा आ जाओ एक बार, भोमिया देव तेरे हजारों हाथ, आशीर्वाद दीजिए कृपा बरसाए जैसी प्रस्तुतियां दी।