चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा मनुष्य अपनी भावनाओ से यहां बैठे बैठे कर्मो की निर्जरा कर सकता है और गलत भावना से कर्मो का बंद भी कर सकता है। भावनाओ में बहुत ताकत होती है। भाव की ताकत से मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है।
जैसा मनुष्य का भाव होगा वैसा ही उसका जीवन बनता चला जायेगा। अच्छी भावना होने पर जीवन ऊंचाई पर जाएगा और गलत भावना नर्क में ले जाएगी। उन्होंने कहा कि भावनाओं की ताकत को जान लेने वाले जीवन मे कुछ भी हासिल कर लेते हैं। सुबह उठने के बाद मनुष्य के जैसे भाव होते हैं उसका पूरा दिन वैसा ही जाता है। अच्छे भाव हुए तो दिन बेकार नहीं जा सकता है।
जीवन मे आगे जाना है तो अपने भावों को अच्छा रखना सीखें। उन्होंने कहा मन मे अगर गलत भाव होंगे तो जीवन मे भी गलत ही घटित होगा। अच्छी भावना रखने वालों का परमात्मा भी साथ देते हैं। उन्होंने कहा मनुष्य का शरीर एक न एक दिन संसार छोड़ कर चला जायेगा।
चाहे कोई राजा हो या फकीर, साधु हो या संत पर समय आने पर सभी के शरीर को जाना है। फर्क इतना है कि अच्छी भावना वाले हँसते हुए जाएंगे और बुरी भावना बाले रोते हुए। तय मनुष्य को करना है कि वो अपने अंत समय को कैसा बनाना चाहता है। मनुष्य अगर अपनी भावनाओ को शुद्ध कर ले तो उसके जीवन के सभी दुख दूर हो जाएं।
आज अगर कोई तकलीफ में है तो यह उसकी भावनाओं की वजह से है। अगर मनुष्य की भावना अच्छी होगी तो वह परमात्मा के करीब रहेगा। उन्होंने कहा कि जीवन मे आगे जाना है तो बुरा करने वालो के प्रति भी अच्छी भावना रखें। ऐसा कर जीवन का उद्धार किया जा सकता है।