Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

भारत देश के उत्थान मे नारी शक्ति का अपूर्व योगदान: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

भारत देश के उत्थान मे नारी शक्ति का अपूर्व योगदान: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने आदिनाथ के भक्ति स्वरूप भक्तामर जी का विवेचन करते हुए मातृ शक्ति को महान बतलाते हुए कहा कि नारी मे वह शक्ति निहित है कि वह अपनी सन्तानो को जिस रूप मे ढालना चाहे जैसा भी बनाना चाहे बना सकती है! भले ही इसे निबला का रूप प्रदान किया गया हो पर इतिहास साक्षी है नारी ने शिक्षा मे युद्ध मे देश चलाने मे, बच्चों को संस्कार देने मे अपूर्व योगदान दिया है! इसीलिए कहा जाता है सौ शिक्षक के बराबर एक माता है जो बच्चों को हर तरह से तैयार कर देती है!झाँसी की रानी जैसी नारियो ने देश की आजादी मे योगदान दिया!सरस्वती माता, धरतीमाता के रूप मे संसार को गति दें रही है! वर्तमान समय मे तो विज्ञान क्रीड़ा, कम्पनी संचालन, सेना आदि हर क्षेत्र मे नारी ही नारी नजरें आती है!राष्ट्र के सर्वोच्च पदों पर रहकर नारी ने संचालन किया है!

मुनि जी ने तीर्थंकरो की माताओ को नमस्कार स्वरूप आगमो मे रत्न कुक्षी के रूप मे इनका वर्णन किया! सभा मे साहित्यकार श्री सुरेन्द्र मुनि जी द्वारा भक्ति स्वरूप भक्तामर का स्वाध्याय कराते हुए कहा आज जीवन मे भक्ति का अभाव होने से जीवन मे दुर्गनो का आगमन हो रहा है भाई चार समाप्त हो रहा है मन मे करुणा के भावों के स्थान पर क्रूरता हिंसा का स्थान बढ़ता जा रहा है!आवश्यकता है पुन : भक्ति मार्ग पर लोगों को प्रेरित किया जाए ताकि सद संस्कार का जागरण हो सके।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar