हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl
भायंदर में बालिकाओं का अधिवेशन रखा गया, उसमें 150 बालिका की उपस्थिति रही एवं बालिका का प्रोग्राम बहुत ही शानदार रहाl हमारे गुरणी मैया श्री सत्य साधना जी महाराज साहब ने बालिकाओं को त्याग करवाया और भी अनेक बातें बताइए आज का युग कैसा हैl इस युग में बालिका को कैसे रहना चाहिए एवं हमारे संग के अध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष नवयुग मंडल के अध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष महिला मंडल के अध्यक्ष मेवाड़ मंडल के उप प्रमुख उपाध्यक्ष आदि की उपस्थिति रहीl
प्रोग्राम अच्छे से सम्पन्न हुआ हुआ, बालिका मंडल की अध्यक्ष रवीना कटारिया मंत्री एवं कोषाध्यक्ष आदि ने अच्छी तरह से प्रोग्राम रखा आप सभी धन्यवाद के पात्र हो जीवन का दूसरा सेतु भावना हैl जब भावना एक दूसरे के निकट आती हैं तब व्यक्ति का जुड़ा होता हैl जब किसी कारणवश भावनाएं टूट जाती है तब उनके संबंधों में भी दूरियां आ जाती हैंl यह ना समझे कि किसी दंपति का जीवन इसलिए निभर हां है उन्होंने अग्नि के समक्ष सात फेरे लिए यह तो उसी क्षण टूट जाते हैंl
जब उनके संबंधों में भावनात्मक दूरियां स्थल बनाने लगते हैं पति-पत्नी के रिश्ते परस्पर विश्वास और निर्मल भावना पर आधारित होते हैंl इनमें कोर्ट आने पर जीवन में खटास आई हैl कोई भी अपने परिवार के साथ इसलिए नहीं रह सकता नहीं रह रहा जी रहा यह उसके माता-पिता या संतान है बल्कि वहां भावनाएं जुड़ी रहती हैं जिसके चलते वह रह रहा है इसी के चलते खून के रिश्ते टूट जाते हैंl इसी के चलते हैं संबंध प्रगाढ हो जाते हैं भावनाओं को सभी संबंधों से ऊपर होती है इन्हीं शुभ भाव के साथl
जय जिनेंद्र, जय महावीर, कांता जी सिसोदिया, भाईंदर