Share This Post

ज्ञान वाणी

भला कर भूल जाएं: वीरेन्द्र मुनि

भला कर भूल जाएं: वीरेन्द्र मुनि

जो मनुष्य दूसरों का भला करके भूल जाते हैं उनका हिसाब प्रकृति ( कर्म-सत्ता ) स्वयं याद रखा करती है मगर जो मनुष्य आदतन अपने पुण्यों का बही खाता लिए फिरते है इस प्रकृति द्वारा फिर उनके पुण्य कर्मों को विस्मृत कर दिया जाता है।

जो भी पुण्य तुम्हारे द्वारा संपन्न किये जाते है, सत्य समझ लेना यह प्रकृति निश्चित ही उन्हें संचित कर देती है और आवश्यकता पड़ने पर तुम्हारी विस्मृति के बावजूद भी उनका यथा योग्य फल अवश्य ही दे दिया करती है।

याद रखना मनुष्य केवल खाता रख सकता है मगर उसका परिणाम घोषित नहीं कर सकता । वह अधिकार तो केवल और केवल इस प्रकृति के पास ही सुरक्षित है।

अतः भला करो और भूल जाओ उचित समय आने पर प्रकृति स्वयं पुरस्कृत कर देगी।

🌻जय जिनेन्द्र*

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar