Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

भगवान महावीर के निर्वाण से लें जीवन निर्माण की प्रेरणा: डॉ. वरुण मुनि

भगवान महावीर के निर्वाण से लें जीवन निर्माण की प्रेरणा: डॉ. वरुण मुनि

चेन्नई. जैन परंपरा में दीपावली का पर्व प्रभु महावीर के निर्वाण की घटना से विशेष रूप में जुड़ा हुआ है। इस दिन भगवान महावीर अष्ट कर्मों को पूर्ण रूपेण क्षय कर जन्म-मरण के चक्कर से सदा-सर्वदा के लिए मुक्त होकर सिद्धत्व को प्राप्त हुए थे। प्रभु महावीर का यह निर्वाण कल्याणक हम सभी को जीवन निर्माण की प्रेरणा दे रहा है।

यह विचार ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि ने जैन संघ, साहुकारपेट के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास कल्प की आराधना में उपस्थित श्रद्धालु भाई-बहनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा हम देखते हैं-प्रतिदिन हजारों-लाखों प्राणी जन्म लेते हैं और हजारों – लाखों ही मृत्यु के मुख में समा जाते हैं। परंतु भगवान महावीर का निर्वाण संसार के लिए एक संदेशदायक घटना है।

तीर्थकरों का मां की कुक्षी में आना, जन्म लेना, सन्यास ग्रहण करना, केवल ज्ञान प्राप्त होना एवं मोक्ष जाना, इन पांच मंगलकारी घटनाओं को ‘कल्याणक’ कहा जाता है। कल्याणक कहने के पीछे कारण यह है कि तीर्थकर भगवंत केवल अपने आत्म कल्याण के लिए साधना नहीं करते अपितु संसार के कल्याण की कामना के लिए अनेक जन्मों तक तप करते हैं। फलस्वरूप जब ये पांच घटनाएं उनके जीवन में घटित होती हैं तो पूरी सृष्टि में, यहां तक की नरकों में भी कुछ क्षणों के लिए प्रकाश एवं शांति छा जाती है।

भगवान महावीर ने कठोर तप एवं ध्यान साधना द्वारा जब केवलज्ञान पाया तो अपनी वीतराग वाणी का दान दिया। उनकी वाणी सुनकर श्री इन्द्रभूति गौतम, सुधर्मा स्वामी आदि ग्यारह विद्वान ब्राह्मणों अपने चार हजार चार सौ शिष्यों के साथ प्रभु महावीर के श्री चरणों में दीक्षित हुए। साध्वी संघ में आर्या चंदन बाला जी साध्वी प्रमुखा बनी। श्रावकों में आनंद व शक्तक आदि तथा श्राविकाओं में सुलसा, जयंति, रेवती आदि का नाम विशेष उल्लेखनीय है। इस प्रकार चतुर्विध संघ की स्थापना हुई और धर्म तीर्थ की स्थापना होने से प्रभु महावीर तीर्थंकर कहलाए।

दीपावली की रात्रि में जब समस्त कर्मों का क्षय कर भगवन महावीर निर्वाण को उपलब्ध हुए तब देवताओं ने मणियों से राजा-महाराजाओं ने सोने-चांदी के एवं सामान्य जनता ने मिट्टी के ‘दीप’ जलाकर प्रकाश किया। प्रभु महावीर का जीवन हम सभी को जीवन निर्माण की प्रेरणा प्रदान करता है। इस अवसर पर श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि आदि संतों के श्री मुख से पांच मंगलकारी महामंगल पाठ हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाई- बहने पधारे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar