चेन्नई. रायपेट्टा में श्रीपुरम स्ट्रीट स्थित केसर बैंक्वेेट हॉल में प्रखर वक्ता पूज्य कपिल मुनि के सानिध्य व श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन संघ मीरसाहिबपेट के तत्वावधान में सोमवार को जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याणक जप तप की आराधना के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विघ्न बाधा विनाशक श्री उवसगहर स्तोत्र के सामूहिक जप अनुष्ठान से हुई।
इस मौके पर मुनि कहा भगवान पाश्र्वनाथ का जीवन चरित्र आज के दौर में प्रकाश स्तम्भ के समान है उन्होंने जीवन में आगत दुखों का समता पूर्वक मुकाबला किया। उपकार और अपकार करने वालों के प्रति प्रभु की दृष्टि समतुल्य थी। मुनि ने कहा जहां कमठ के जीव ने प्रभु के प्रति वैर के संस्कार उद्दीप्त होने पर कदम कदम पर दु:ख दिया वहीं प्रभु ने उन्हें दृढ़ता से सहन करके वीतरागता का परिचय दिया।
प्रभु का जीवन पुरुषों में विशेष आदर के योग्य होने से वे पुरुषादानी कहलाए। आज भी उनके नाम रूपी मन्त्र का स्मरण करने से जीवन संकट मुक्त हो सकता है। जहां जीवन है वहां समस्या भी है मगर ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका कोई समाधान न हो। हर समस्या अपनी पीठ पर समाधान लेकर आती है। जीवन में समाधान बेहद जरूरी है समाधान के बगैर समाधि की अनुभूति संभव नहीं है।
जप साधना एक ऐसा पुरुषार्थ है जिसकी तुलना में अन्य पुरुषार्थ कमजोर साबित हो जाते हैं। जप साधना पवित्र आभामंडल के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है जिसका आभामंडल शुद्ध और पवित्र है उसका दुनिया की कोई ताकत बाल बांका नहीं कर सकती। संघ के जवाहरलाल नाहर ने बताया कि मंगलवार को नववर्ष महामांगलिक होगा।
इससे पहले सवेरे 8.30 बजे से भक्तामर स्तोत्र जप अनुष्ठान होगा। संचालन राजकुमार कोठारी ने किया।