इंदौर। ईश्वर सबकी सुनते है, कोई भी प्राणी यदि सच्चे मन से उसे याद करे तो वे जरुर सुनते हैं। यह बात राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने यहां हृींकारगिरी तीर्थ धाम में श्री नगीन भाई कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित दिव्य भक्ति चातुर्मास के 32 वें दिन बुधवार को अपने प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि प्राणी का किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होने पर भगवान के प्रति वह नकारात्मक सोचता है और कहता है कि ईश्वर ने मेरी नहीं सुनी, परमात्मा अचानक इंसान पर भरोसा नहीं करता वह तो भक्त की परीक्षा लेता है। व्यक्ति को आराधना, भक्ति करते हुए भगवान के साथ अपने मन के तार जोडऩे पर भक्त का ‘डायरेक्ट ईश्वर से कनेक्शन’ हो जाता है।
डॉ. वसंतविजयजी म.सा ने यह भी कहा कि भगवान के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक बनाना होगा। आराधना और मनुष्य द्वारा की गयी भक्ति मन को प्रफुल्लित भी करती है। ट्रस्टी विजय कोठारी व वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि इससे पहले बुधवार सुबह के सत्र में संतश्री वज्रतिलकजी की निश्रा में प्रतिक्रमण व सामूहिक भक्तामर मंत्र का जाप किया गया।
उन्होंने बताया कि धाम में ही प्रतिष्ठापित मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथजी की प्रतिमा का विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकशी द्वारा 50 दिवसीय 18 अभिषेक लाभार्थी परिवार के सौजन्य से करवाया गया। ट्रस्टी जय कोठारी ने बताया कि देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालुओं ने संतश्रीजी के दर्शन, प्रवचन व मांगलिक श्रवण का लाभ भी प्रवचन पश्चात् लिया।