Share This Post

Featured News / Featured Slider / Khabar

भगवान ऋषभ का तप अनुपमेय था – मुनि दीपकुमार

भगवान ऋषभ का तप अनुपमेय था – मुनि दीपकुमार

कुम्बकोण में अक्षय तृतीया का हुआ आयोजन, वर्षीतप के हुए पारणे

‘अक्षय तृतीया भिक्षा विधि के प्रारंभ का दिन’

Sagevaani.com/ कुम्बकोणम/चेन्नई : तमिलनाडु के कुम्बकोणम नगर के एम पी रेजीडेन्सी स्थित प्रेम धाम हॉल में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री दीपकुमारजी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया महोत्सव का आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में श्रीमती निर्मला श्रीश्रीमाल, श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल कुम्बकोणम एवं श्रीमती वंसताबाई मेहता चैन्नई के वर्षीतप तपस्या का अभिनन्दन समारोह आयोजित हुआ।

 मुनि दीपकुमारजी ने कहा कि अक्षय तृतीया का पवित्र दिन जैन धर्म के अनुसार इस युग के भिक्षा विधि के प्रारम्भ का दिन हैं। आज के दिन भगवान ऋषभदेव के एक वर्ष से ऊपर की तपस्या का पारणा हुआ था। भगवान ऋषभ का तप अनुपमेय था। भगवान ऋषभ इस युग के प्रथम राजा कहलाए, प्रथम मुनि बने, प्रथम भिक्षुक कहलाए और प्रथम तीर्थकर बने। भगवान ऋषभ का जीवन समग्रता लिए हुए था। जिन्होंने समाज के लिए भी अपना समय लगाया, लोगों को असि, मषि, कृषि का प्रशिक्षण दिया और बाद में साधना में लीन बने।

 मुनिश्री ने आगे कहा वर्तमान में भगवान ऋषभ की तपस्या को लक्ष्य में रखकर हजारों- हजारों श्रावक श्राविकाएँ वषीतप की साधना करते हैं। मुनिश्री ने उपस्थित वर्षीतप साधिकाओं के तप की अनुमोदना करते हुए, इस मार्ग पर निरन्तर, निर्बाध रूप से आगे बढ़ने की मंगलकामना की।

 मुनिश्री काव्यकुमार ने संचालन करते हुए कहा कि अक्षय तृतीया का पर्व त्याग- तपस्या की प्रेरणा देने वाला दिवस हैं। प्रभु ऋषभ एक अलोकिक और विलक्षण पुरुष थे।

 मुख्य वक्ता श्री ज्ञानचन्द आंचलिया सिरकाली, मुख्य अतिथि श्री मेघराज लूणावत चेन्नई, श्री प्रेमजी सुराणा कोयम्बतूर, कूलदीप मुथा, उमेश श्रीश्रीमाल, जयश्री बाफना इत्यादि ने अपनी भावनाएँ व्यक्त की।

 नमस्कार महामंत्र के स्मरण के साथ कार्यक्रम में मंगलाचरण महिला मंडल ने किया। श्री धर्मचन्द छल्लाणी ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। ज्ञानाशाला ज्ञानार्थीओं एवं महिला मण्डल ने अक्षय तृतीया पर अलग अलग नाटिकाओं द्वारा सभी का मन मोह लिया। श्रीमती मधु सेठिया ने वर्षीतप साधिकाओं का परिचय दिया। तेरापंथ सभाध्यक्ष श्री विशाल सेठिया ने आभार व्यक्त किया। सभा द्वारा तपस्वियों का अभिनन्दन किया गया।

  समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar