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भक्त नहीं, स्वयं भगवान बनने की ओर हो अग्रसर: भगवान महावीर

भक्त नहीं, स्वयं भगवान बनने की ओर हो अग्रसर: भगवान महावीर

भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव पर महावीरमय बना चेन्नई शहर

  अयनावरम, चेन्नई 14.04.2022 :-  श्री जैन महासंघ चैन्नई के तत्वावधान में श्वेताम्बर तेरापंथ, स्थानकवासी, मूर्तिपूजक एवं दिगम्बर समुदाय की विशाल जनमेदिनी की समुपस्थिति में पंडित पूज्य आचार्य श्री मेघदर्शन सूरीश्वरजी एवं श्रमणवृंद और वंदनीया साध्वी श्री डॉ. मंगलप्रज्ञाजी एवं श्रमणीवृंद के पावन सानिध्य में दादावाड़ी के विशाल प्रांगण में भगवान महावीर का 2621वॉ जन्म कल्याणक महोत्सव चारों तीर्थ के द्वारा घुमधाम एवं खुशनुमा वातावरण में मनाया गया।
प पू आ श्री मेघदर्शनसूरिश्वरजी म सा ने कहा कि हमें महावीर के सिद्धांतों को अपनाकर आने वाले पीढ़ी को संस्कारवान बनाना चाहिए, घटती जैनों की संख्या चिंता का विषय है, अतः अब हमें जैन एकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत।
साध्वी श्री प्रज्ञाश्रीजी ने कहा हमें भगवान महावीर के सिद्धान्तों को जीना चाहिए। साध्वी श्री सिद्धिश्रीजी ने कहा- महावीर के बारे में जितना कहा जाए कम है। उनकी शक्ति, साधना को जीवनपर्यन्त अपनाते जाएं।

  पुरुषार्थ के द्वारा जगा हुआ मानव ही महावीर बन सकता है।

साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- आज महावीर का जन्मदिन ही नहीं अहिंसा, मैत्री, दया और प्रेम का जन्म दिन है। महावीर सत्य के पर्याय थे। पुरुषार्थ के द्वारा जगा हुआ मानव ही महावीर बन सकता है। आवश्यकता है उनके सिद्धान्तों के द्वारा सम्पूर्ण मानवता का उत्थान हो। महावीर के सिद्धान्त जनभोग्य और अनेक समस्याओं के समाधायक सिद्ध हो रहे हैं। महावीर का मात्र जन्म दिन नहीं मनाना है, बल्कि उनके दर्शन को आत्मसात करता है। मात्र महावीर के भक्त न बने, महावीर जैसा बनने का प्रयत्न करे। भगवान महावीर ने कहा था तुम मेरे भक्त नहीं, मेरे जैसे बनो।
श्रावक समाज को विशेष आह्वान करते हुए साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा कि भावी पीढ़ी की में जैनत्व के संस्कारों को भरने में अभिभावक जागरुक बनें। प पू गणिवर्य श्री तीर्थरुचिजी म सा, प पू अर्पणविजयजी म सा इत्यादि साधु भगवंतों ने स्वयं महावीर बनने की प्रेरणा प्रदान की।

   वर्तमान परिपेक्ष में उपयोगी महावीर के सिद्धांत

  मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकमचंद जैन सांवला ने महावीर के सिद्धांतों की वर्तमान परिपेक्ष्य में उपयोगिता बताते हुए कहा कि उनके बतायें मार्ग पर चलने से व्यक्ति के स्वयं का कल्याण तो होता ही है। अहिंसा, अपरिग्रह को आत्मसात करने से समाज, देश ही नहीं अपितु विश्व की अनेकानेक समस्याओं का समाधान स्वतः हो सकता है। आपने जैन एकता के लिए विशेष जोर दिया।

    जय घोषों से अहिंसामय बना वातावरण

इससे पूर्व प्रातः अरिहंत शिवशक्ति, पेरीयमेडु, चुल्ले से अहिंसा रैली, वरघोडे का आयोजन किया गया। वरघोड़े को अध्यक्ष श्री राजकुमारजी बड़जात्या, श्रेष्ठीवर्य श्री रमेशकुमारजी मुथा एवं नवकारसी के लाभार्थी भरतकुमारजी एवं पूर्व अध्यक्ष श्री पन्नालालजी सिंघवी ने हरझंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें भगवान महावीर के जीवन दर्शन से सम्बंधित जीवन झांकियों के साथ अहिंसा घोष से पुरा वातावरण अहिंसामय बन गया। वरघोड़े में श्राविकाओं ने विविध रंग बिरंगी पोशाकें पहनकर माहौल में धर्ममय बना दिया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरती हुई रैली अयनावरम दादावाड़ी में पहुंच धर्म सभा में परिवर्तित हुई।
सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नमस्कार महामंत्र के सामुहिक उच्चारण के मंगल शुरूआत हुई। पुर्वाध्यक्ष पन्नालालजी सिघवीं ने जैनमहासंघ की वर्षभर की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। जैन महासंघ के अध्यक्ष श्री राजकुमार जी बड़जात्या ने साधु भगवंतों के साथ सभी पधारे हुए अतिथियों, महावीर भक्तों का स्वागत अभिनन्दन किया। महासंघ द्वारा जैन समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।

  गरिमामय उपस्थिति

इस अवसर पर तमिलनाडु सरकार के मंत्री पी के शेखर बाबू, एम एल ए श्री सितारामुलू, काउन्सलर अभिषेक नाहर, राजेश जैन रंगीला, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य श्री प्यारेलालजी पितलिया एवं श्री प्रवीणजी टाटिया, महासंघ के मार्गदर्शक श्री सज्जनराजजी मेहता, श्री रमेशजी मूथा, श्री भरतकुमारजी, श्री मांगीलालजी देशरला के साथ दो वर्षीय कोराना की विषम परिस्थितियों से उपरांत हो हजारों-हजार जैन समाज के साथ जैनैत्तर बंधुओं की गरिमामय उपस्थिति रही। आज की नवकारसी के लाभार्थी भरतकुमारजी पुखराजजी जैन एवं अन्य अनुदान दाताओं, कार्यकर्ताओं, मुख्य अतिथियों का महासंघ द्वारा सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन जैन महासंघ के उपाध्यक्ष श्री विमल चिपड़ ने दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन बिपिन सतावत ने किया। कई संस्थाओं ने अपने स्टाल लगाकर सेवा दी। जैन सहायक समिति के श्री गौतम कांकरिया ने महिला ग्रृह उद्योग में 51 स्टाल उपलब्ध कराकर महिलाओं को आत्मनिर्भरता हेतु प्रयास एवं प्रोत्साहन दिया। विनीत गेमावत एंड पार्टी, मुम्बई द्वारा धर्मसभा में बीच बीच में संगीत द्वारा माहौल को महावीरमय बनाया।

अनेकों मण्डलों का रहा सहयोग

श्री तमिलनाडु जैन महामंडल, श्री चन्द्रप्रभु जैन सेवा मंडल एवं अनेकों मंडलों ने अपनी मंडल युनिफोर्म में वरघोड़े, पुरस्कारी एवं अन्य आवश्यक सेवाएं दी।

एक शाम प्रभु वीर के नाम

  रात्रिकालीन एक शाम प्रभु वीर के नाम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें ख्याति नाम कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

            स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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