Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

भक्ति करती है जीवन को सार्थक : राष्ट्रसंत 

भक्ति करती है जीवन को सार्थक : राष्ट्रसंत 

डॉ वसंतविजयजी का मंत्र शक्तिपात-दिव्य महामांगलिक पुन: 22 को

इंदौर। मां पद्मावती के परम उपासक, कृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रसंत एवं मंत्र शिरोमणि डॉ वसंतविजयजी म.सा. द्वारा विगत रविवार को यहां प्रदान की गई दिव्य महा मांगलिक के श्रवण मात्र से हजारों लोग आधि-व्याधि व रोग पीड़ा से मुक्त होकर प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति एवं पुनः आग्रह पर संतश्री रविवार, 22 सितंबर को 216 प्रकार के अतिविशिष्ट बीज मंत्रों युक्त दिव्य शक्ति-सिद्धि प्रदायक मंत्र शक्तिपात अर्थात महामांगलिक प्रदान करेंगे। इसी दिन रात्रि में 9 बजे से श्री भैरवदेव की महिमा युक्त भव्य संगीतमय भैरव भक्ति का कार्यक्रम भी आयोजित होगा।
संतश्री के साथ संगीतकार दीपक करणपुरिया एंड पार्टी के कलाकारों द्वारा इसमें प्रस्तुतियां दी जाएगी। गुरुभक्त अभय बागरेचा ने बताया कि स्थानीय धार रोड, टिंबर मार्केट के सामने स्थित रामकृष्ण बाग में रविवार को दोपहर 2:00 बजे से संत श्री के मुखारविंद से महामांगलिक कार्यक्रम होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का पारस चैनल पर सीधा प्रसारण भी होगा।
इससे पूर्व संतश्री ने महामांगलिक की विनती स्वीकारते हुए इसकी विशेषता बताते हुए कहा कि व्यक्ति के शरीर के आंतरिक चक्र को मंत्रों की शक्ति स्वच्छ करके उसे स्वस्थ एवं निरोगी बनाती है। भाव प्रधानता का जिक्र करते हुए डॉ वसंतविजयजी ने यह भी कहा कि भक्ति ऐसी होनी चाहिए जो जीवन को सार्थक कर दें।
उन्होंने कहा संगीत में फिल्मी अथवा अनर्गल गीत व्यक्ति में विकार उत्पन्न करते हैं जबकि मंत्रों व संगीतमय भजनों की शक्ति विचार उत्पन्न कर श्रद्धालु श्रोता के प्रगति पथ में सहायक बनते हुए उसका मार्ग प्रशस्त करती है। राष्ट्रसंतश्रीजी ने कहा कि कलिकाल में देवता जागृत है, श्रद्धालुओं की श्रद्धा-भक्ति यदि अटूट हो तो सिद्धियां स्वतः चमत्कृत परिणाम दिखलाती है।
बागरेचा ने बताया कि महामांगलिक के लाभार्थी स्व. बाबुलालजी (दासाब) बाफना परिवार सियागंज वाले हैं। उन्होंने बताया कि संतश्री के दर्शन-वंदन करने वालों में अग्निबाण समूह के चेयरमैन राजेश चेलावत सहित अनेक गणमान्य शामिल थे। सभी का गुरुभक्तों ने संतश्री की निश्रा में सत्कार भी किया। सभी का आभार रितेश नाहर ने जताया।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar