Share This Post

Featured News / Khabar

भक्तामर विलक्षण और चमत्कारी स्तोत्र: मुनि रमेश कुमार 

भक्तामर विलक्षण और चमत्कारी स्तोत्र: मुनि रमेश कुमार 

मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान प्रारंभ

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई के तत्वावधान में मुनिश्री रमेश कुमार जी एवं मुनि सुबोध कुमार जी के सान्निध्य में भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान आज से तेरापंथ भवन में शुरु हुआ ।
यह अनुष्ठान 7 अक्टूबर तक चलेगा । इस अनुष्ठान में लगभग 75 भाई बहनों ने भाग लिया है । सम्भागी भाई बहनों को आकर्षक भक्तामर यंत्र भी उपलब्ध करायें गये। 
भक्तामर की महिमा बताते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- भक्ति में अद्भुत शक्ति है ।सच्चा भक्त शक्ति की उपासना ही नहीं करता बल्कि वह अपने आराध्य देव की भक्ति में तन – मन से सर्वात्मना समर्पण कर देता है ।
उसकी अनन्य आस्था, तल्लीनता और निरन्तरता ही भक्ति में शक्ति का जागरण कर देता है ।भक्तामर एक विलक्षण और चमत्कारी स्तोत्र है । भगवान ऋषभ देव की स्तुति में मांतुगाचार्य ने इसकी रचना की । हजारों  जैन धर्मावलंबी प्रतिदिन इसका श्रद्धा से  पाठ करते हैं ।
मांतुगाचार्य को जब अड़तालीस तालों की कोठरी में बंद कर दिया गया था ,तब उन्होंने भगवान ऋषभ देव की स्तुति की । भक्तामर स्तोत्र की रचना के एक एक श्लोक के साथ एक एक ताला टूटता गया । वे बंधन मुक्त होकर बाहर आये। जो बहुत बङा चमत्कार था । सच्ची श्रद्धा भक्ति से जो साधना की जाती है उससे सब तरह की विध्न बाधाएं दूर होती है । 
आज भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान में पांच श्लोकों का काव्य , सिद्धि जाप व मूल मंत्र के साथ अनुष्ठान कराया गया। मुनि सुबोध कुमार जी ने आध्यात्मिक अनुष्ठान  का महत्व बताते हुए आध्यात्मिकता अनुष्ठान कराया । उपस्थित भाई बहनों ने बहुत  ही श्रद्धा भक्ति से अनुष्ठान में अपनी सहभागिता निभाई ।
संप्रसारक 
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar