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ब्रह्मचर्य व्रत ही जीवन का श्रंगार है: प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

ब्रह्मचर्य व्रत ही जीवन का श्रंगार है: प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

9 सितंबर अशोक नगर ब्रह्मचर्य व्रत का महत्व बताते हुये प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने पयुर्षण पहापर्व के छठे दिवस गुरूवार को विज्ञान समिति मे आयोजित विशेष धर्मसभा को सम्बोधित करतें हुयें कहां कि मानव भोगविलास को सर्वसुख जानकर मनुष्य भव को यूही बरबाद कर रहा है । धर्म के मम्तृव जानेवाला ही तामसी प्रवृत्ति का त्याग करके ब्रह्मचर्य व्रत नियम लेकर अपनी आत्मा को उत्कृष्ट बना सकता है।

महापुरुषों ने ब्रह्मचर्य का निर्वाह करतें हुये जप तप साधना मे लगकर मनुष्ययोनी से ही अपनी आत्मा को परमात्मा बनाया ! डॉक्टर वरूण मुनि अखिलेश मुनि ने बड़े सहज शब्दों कहां कि मोबाइल टीवी व पाश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध रोशनी मे नवपीढ़ी धर्म व संस्कारों से विमुख होकर धर्म का मार्ग भूलकर गलत रास्ते अखतियार करते हुये जीवन को यूही गंवा रही है !

लोकाशाह जैन स्थानक के अध्यक्ष कांतिलाल जैन बताया कि संतो के प्रवचनों से प्रभावीत होकर उपस्थित सभी श्रध्दालुओं ने पयुर्षण महापर्व तक व अजमेर निवासी शांतिलाल वैदमूथा ने धर्मसाहिका साथ आजीवन शीलव्रत के पच्खाण लिये ! तथा तपस्वी भाई बहनो़ पांच छः सात उपवास के प्रत्याख्यान लिये !

मीडिया प्रवक्ता, सुनिल चपलोत,

लोकाशाह जैन स्थानक, अशोक नगर, उदयपुर

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