*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*युग प्रभावक कृपाप्राप्त*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
✒️
7️⃣9️⃣
⚡
391)
बेहोशी से
बाहर आना ही
साधना का उद्देश्य हैं.!
392)
सभी क्रिया,
शास्त्र,श्लोक आत्मा को
स्वदेशकी दिशामें ले जातें हैं
लेकिन उद्देश्य स्वलक्षी हो तो.!
393)
पदार्थो की
परिणति जिसके
अंतर में न हो
वह साधक मार्गस्थ है.!
394)
जागृति रहोगे
तो सुरक्षित रहोगे…
395)
विकारों का पवन
आत्मा को स्वभाव से
विचलित करता हैं लेकिन
आत्मा चाहे तो विभाव की
खिड़की बंध करके
विकारों को रोक सकता है.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*