आज एक सुंदर सा माहौल बना बेटी के बारे में बहू के बारे में बहुत सुंदर बताया गया प पू धैर्याश्रीजी म सा ने बेटियों पर एक सुंदर गीतिका पेश की प पू आगमश्रीजी म सा ने बताया बेटियां दो घर की पहचान एक में जिसने जन्म लिया है दूसरे में बसे है प्राण। बेटी धन की पेटी जिमावे घी ने बाटी प्रेम स्नेहा वात्सल्य की नाती तू संस्कारों की भारी हैl पोटी भारतीय संस्कृति में बेटी का बहुत ही गौरवपूर्ण और सम्मान पूर्ण स्थान हैl यह सार्वभौम सत्य है कि भारत की बेटी ने डेविड सतीत्व का स्थान पाया हैl लक्ष्मी सरस्वती दुर्गा काली महाकाली भवानी इन्होंने देवत्व पाया ब्राह्मी सुंदरी कौशल्या सीता दुर्गावती चंदन इन्होंने सतीत्व 16सतीयों में स्थान पायाl
यह भी तो किसी न किसी की बेटीया थी आदर्श नारी बनाने की पहली सीढ़ी है बेटी एक अच्छी सी संस्कृत बेटी ही अच्छा कार्य कर सकती हैl ब्राह्मी सुंदरी दोनों ऋषभदेव की बेटियां थीl आज तो हम पर लिख रहे हैं वह ब्राह्मीजी की देन है और जो अंकगणित पढ़ रहे हैं वह सुंदरी की देन हैl बेटियां हमारे जीवन की शान है आज भी बेटियां क्या-क्या नहीं कर सकतीl आजकल हर अभी सांपों को स्वयं जेलकर संघर्ष में जीवन की कर जीवन में एक उत्साह अक्षय शक्ति भरकर अपनी चेतना का व्यक्तित्व का विकास करती हैl
प्रेम वात्सल्य ममता सद्भावनाओं से ओतप्रोत होकर बेटियों ने हम सभी को परिपूर्ण बनाया हैl किसी कवि ने कहा है घुटनों घुटनों चलती बेटी खड़ी नहीं हो जाना तुम छोटी ही अच्छी लगती होl बड़ी ना हो जाना तुम कितनी सुंदर बात कवि ने सामने रखी हैl जिस घर में बेटियां है उसके घर में साक्षात लक्ष्मी है और जिस घर में बेटियां नहीं है उनको पूछ लो क्या है जो बेटी ना होती तो कुछ भी नहीं होताl अगर यह नहीं होती तो जन्नत भी नहीं है यह चाहत की मूरत मुसीबत नहीं है नहीं से किसी को भी इनकार होगा। पुण्य का सुफल है परिवार में बेटी हर घर में गंगाजल हैl
परिवार में बेटी सदियों की संस्कृति और संस्कारों का मिलन हैl बेटी हरे-भरे उपवन की नाजुक कली हैl बेटी अमरबेल की पत्ती है बेटी धन की बरसात और महालक्ष्मी का वास हैl बेटी मां की ममता और इतिहास की धरोहर बेटी भारतीयता की पहचान है बेटी। इस पर डॉक्टर शीतल जी ने भी अपना वक्तव्य रखा श्री राजेन्द्र जी एवं।सुनिताजी ने बहोतही सुंदर प्रस्तुति दी श्री अशोक जी बाठियाजी ने संचालन किया डॉ भिकमचंदजी सकलेचा परिवार ने गौतम प्रसाद जी का लाभ लिया।