बेंगलूरु। यहां नगरथपेट के माँगीलालजी वालाजी गांधीमुथा के भवन में श्री राजेन्द्र जयंत लावण्य पाठशाला का उद्घाटन प.पू साध्वीश्री सूर्योदयाश्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा एवं निश्रा में अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के तत्वावधान में हुआ। साध्वीवर्याश्री विपुलदर्शिताश्री ने पाठशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
साथ ही सभी श्रावक-श्राविकाओं को धर्म ज्ञान में जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान माँगीलाल गाँधीमुथा ने बताया कि यहां अध्ययन करने वाले विधार्थियो को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत भी किया जाएगा, ताकि ज़्यादा सदस्य जुड़ सकेगे।
धार्मिक प्रचार मंत्री माँगीलाल वेदमूथा, अध्यक्ष डुंगरमल चोपड़ा, उपाध्यक्ष हेमराज जैन, मंत्री नेमीचंद संघवी, सहमंत्री दिलीप कांकरिया, कोषाध्यक्ष रमेश मयूर, प्रकाश बालर, चंपालाल निमानी, प्रकाश ओस्तवाल एवं महिला परिषद अध्यक्ष प्रेमा बेन गाँधीमुथा व मंत्री मधुबाला आदि परिषद के अनेकसदस्यों की उपस्थित में दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण करके पाठशाला का उद्घाटन किया गया।
धार्मिक प्रचार मंत्री माँगीलाल वेधमुथा ने कहा, धर्म ही जीवन की निव है। राष्ट्रीय मंत्री प्रकाश हिराणी ने पाठशाला को संस्कार मंदिर की उपमा दी। उन्होंने कहा कि इस मंदिर के द्वारा अगले वर्ष के जुलाई माह में यतीन्द्र ज्ञान पीठ परीक्षा आयोजित होंगी, जिसमें अधिकाधिक श्रद्धालुओं से जुड़ने के लिए आह्वान भी किया।
परिषद के अध्यक्ष डुंगरमल चोपड़ा ने बताया जीवन में जितनी ज़रूरत व्यवहारिक शिक्षण की होती है, उससे कई गुणा अधिक आवश्यक संस्कारों के बीजारोपण करने वाली धार्मिक शिक्षा की है, जो कि हमें सम्यक् ज्ञान तथा बच्चों में शील रक्षा के संस्कारो का रोपण करती हो। परिषद के पूर्व अध्यक्ष नेमीचंद वेदमूथा एवं महिला अध्यक्ष प्रेमा बेन ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। सभी का आभार डूंगरमल चोपड़ा ने जताया।