बेंगलूरु। बीते दिनों आंध्रप्रदेश के कड़पा जिले के रायचोटा में बूचड़खाने ले जाए जा रहे उंटों को स्थानीय प्रशासन, बीएसफ के साथ-साथ बेंगलूरु की जीजीएफ सोसायटी व गोरक्षा सेवा समिति की टीम के सहयोग से बचा लिया गया था।
कुल 30 उंटों को कर्नाटक के मण्ड्या जिले के चेत्रा गोशाला में रख गया तत्पश्चात् जीजीएफ सोसायटी एवं समिति पदाधिकारियों ने इन सभी ऊंटों को सुरक्षित रखने व पोषण के लिए एक दिवस पूर्व राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल स्थित 72 जिनालय गोशाला में सुपुर्द कर दिया गया।
समिति की बेंगलूरु की अध्यक्षा श्रीमती शारदा चोधरी ने बताया कि इन ऊंटों की शिफ्टिंग में सामूहिक सहयोग से खर्च वहन किया गया। इनमें जीवदया प्रेमियों में गुमानमल ठेकेदार, जवाहरलाल चोधरी, नीतिन जैन, महेंद्र जैन, हितेश ठेकेदार, प्रफुल जैन व महिला विंग की कला शोभावत, पुष्पा चोपड़ा, सुशीला भंसाली, पवनी बाफना, नलिनी व नंदा मेहता ने समन्वय से आर्थिक व्यय वहन किया है।
उंटों के लिए कर्नाटक व हैदराबाद का क्लाइमेट उपयुक्त नहीं होने की वजह से इन्हें बचाने के लिए राजस्थान भेजने में बेंगलूरु व हैदराबाद के जीवदयाप्रेमी संस्थाओं व सदस्यों की टीम ने बड़ा योगदान दिया।