नागदा (निप्र)- पूज्य महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने धर्मसभा में बुधवार का विश्लेषण करते हुए कहा कि आज हम हर बात गुग्गल से पुछते है लेकिन बुधवार जो बुद्धि के विकास का वार है इसके लिये बुद्धिवर्द्धक मानव हमें केवल माता-पिता एवं गुरू का असीमित जीवन का ज्ञान ही हमें आगे बढ़ा सकता है। भगवान महावीर की जीनवाणी आगम शास्त्रो के अनुसार हमको ज्ञान प्राप्त करना है तो इसको विकसीत कर ज्ञान ध्यान आराधना करना आवश्यक है।
इसके बिना आप बुद्धि प्राप्त नहीं कर सकते । बुद्धिवर्द्धक मानव जहां भी जब भी जैसे भी हो अपने ज्ञान से बहुत जल्दी पकड़ कर लेता है। चाणक्य की बुद्धि भी ऐसी ही थी उसकी कुशाग्र बुद्धि से ही राज चलता था। गुरू एवं किताबी ज्ञान से ही हम बुद्धि विकसित कर सकते है। गुग्गल केवल जानकारी दे सकता है बुद्धि नहीं।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि गुरूदेव की सुशिष्या महासति काव्याश्रीजी के 24वें जन्म दिवस के शुभ अवसर पर उनकी सांसारिक बहन नाव्याश्रीजी ने एक मधुर गीत ‘फुलो का तारों का सबका कहना है हजारो में काव्याश्रीजी मेरी बहना है‘ की आकर्षक प्रस्तुति दी एवं सम्पूर्ण समाज द्वारा जन्म दिवस पर एक सामुहिक गीत गाया गया। एवं सभी गुरूभक्तो ने काव्याश्रीजी को जन्म दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी। संचालन अनिल पावेचा एवं सतीश जैन सांवेरवाला ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने माना।
दिनांक 02/11/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला