भागलपुर/बिहार: आज बाबा बुढानाथ मंदिर के प्रांगण में श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ समिति भागलपुर के द्वारा आयोजित 10 दिनों तक चलने वाले रामकथा के प्रथम दिन में समिति के मुख्य संगक्षक पंडित बाल व्यास जी महाराज के द्वारा प्रवचन के दौरान बताया कि रामचरित मानस का स्वरूप एवमं वेद शास्त्र पुराण के अनुसार भगवान का स्वरूप जो बताया गया है।
जिससे पहला है नाम दूसरा है रूप तीसरा है लीला चौथा है। धाम, नाम रूप को प्रकट करता है रूप व्यक्ति विशेष को दर्शाता है जहां लीला होती है वही धाम बन जाता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री श्यामा प्रसाद घोष, श्री प्रभुदयाल टिबड़ेवाल, श्री दीपक घोष, श्री अभय घोष”लाल दा” ,श्री अमरनाथ मिश्रा, श्री अवध प्रसाद,श्री अभय घोष”सोनू”,श्री धरवीर सिन्हा, श्री अरुण राय, श्री भूप नारायण पाण्डेय,श्री शैलेश दास,चंदन कर्ण, प्रवक्ता प्रणव दास, एवमं मंच संचालन डॉ केशरी कुमार सिंह ने किया ।
आज रामकथा के प्रथम सत्र में नवापरायन पाठ बनारस से पधारे 27 पंडितों द्वारा किया गया। पटना से पधारे पंडित पंकज मिश्रा जी ने कथा में कहा कि जिसने माता को नही माना पिता को नही माना गुरु को नही माना उसके लिए रामचरितमानस पढ़ना निरर्थक है।
आज रामकथा के उद्धघाटन में बाबा बुढानाथ मंदिर के मंहत श्री श्री 1008 महंत शिवनारायन गिरी, समिति के मुख्य संगक्षक पंडित बाल व्यास जी महाराज, वार्ड पार्षद श्रीमती विदुवाला सिंह ,कृष्णा कलायन संस्था की निदेशक श्रीमती श्वेता सुमन ने सम्मलित रूप से किया। कार्यक्रम में अर्जित शाश्वत चौबे समेत कई गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।