बीकानेर। देशभर में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी सुपरस्पेशलिटी ए एस जी नेत्र चिकित्सालय की बीकानेर शाखा ने 9 वर्ष पूर्ण कर लिए है और वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बताया गया कि ए एस जी नेत्र चिकित्सालय के वर्तमान में भारत के 13 राज्यों के 21 शहरों में इसकी 28 शाखाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है।
चिकित्सालय के प्रबंधक नारायण पुरोहित ने बताया कि इस मौके पर डॉ. पंकज ढाका ने पत्रकारों को बताया कि इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका संचालन एम्स दिल्ली के पूर्व नेत्र विशेषज्ञ करते है। एम्स नई दिल्ली के अनुभवी डॉक्टरों डॉ. अरूण सिंघवी व डॉ शशांक गांग ने 2005 में एएसजी के नाम से आई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की शुरूआत की थी।
उनकी ओर इससे जुड़े अन्य डॉक्टरों की मेहनत के कारण आज ए एस जी नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे भरोसेमंद नाम बन गया है। बीकानेर के रानी बाजार स्थित ए एस जी नेत्र चिकित्सालय जहां एक ही छत के नीचे आंख से संबंधित सभी गंभीर बिमारियों का इलाज पिछले 9 वर्षो से किया जा रहा है। मोतियाबिंद (फेको), रिफ्रेक्टिव सर्जरी (क्यू लेसिक), आई सी एल, विट्रेओ-रेटिना, ऑकुलोप्लास्टी, कॉर्निया, स्किंवट, पीडियाट्रिक ऑप्थाल्मोलॉजी, न्यूरो-ऑप्थाल्मोलॉजी जैसी अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
खास बात यह है मरीजों की सुबिधा के लिए रविवार को भी चिकित्सालय खुला रहता है। डॉ. ढाका ने दावा किया कि नेत्र इलाज की सभी सुविधाएं ए एस जी बीकानेर में उपलब्ध है, जिससे इलाज के लिए बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं है। डॉ चंचल गुप्ता ने कहा कि ए एस जी नेत्र चिकित्सालय बीकानेर में आंखों की जटिलतम रोग जैसे नेत्र प्रत्यारोपण, नेत्र के केंसर एवं न्यूरो-ऑप्थाल्मोलॉजी, केरेटोकोनस का उपचार अत्याधुनिक तकनीक के किया जा रहा है, साथ ही भौंगापन जैसे रोगों को सहज एवं उच्च तकनीकी से ठीक किया जा रहा है।
रेटिना विशेषज्ञ डॉ अंशुमान गहलोत ने बताया कि आजकल डायबिटिक की वजह से आँख के परदे में आने वाली खराबी यानी डायबिटिक रेटिनोपैथी भारत में अंधेपन का एक प्रमुख कारण बन गया है। नियमित जाँच व इलाज से नजर को बचाया जा सकता है विट्रियस हेमरेज व परदे के आँपरेशन के लिए सुविधा उपलब्ध है।