*☀️प्रवचन वैभव☀️*
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266)
बिना ज्ञान की क्रिया
कभी भी छूट सकती हैं.!
267)
दुरुपयोग करोगे तो
प्राप्ति दुर्लभ हो जाएगी.!
मन के गलत उपयोग से
समुर्छीम अवस्था प्राप्त होती हैं.!
268)
जितनी चिंता
संतानों के केरियर की
होती है उतनी केरेक्टर की नही.!
पछताना नही चाहते तो
अधिक से अधिक समय एवं
प्रयास केरेक्टर निर्माण में
लगाना चाहिए.!
269)
हम जैन होकर
वीतराग के सिद्धांत को
समझकर आचरण में
नही उतारेंगे तो
दूसरों को कैसे समझा पाएंगे.!
270)
पुण्य के साथ
धर्मकरणी नही है तो
पुण्य डुबानेवाल बनेगा.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*युग प्रभावक वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर