Share This Post

ज्ञान वाणी

बिना ज्ञान और क्रिया के मोक्ष संभव नहीं: मुनि विजय

बिना ज्ञान और क्रिया के मोक्ष संभव नहीं: मुनि विजय

चेन्नई. बिना ज्ञान और क्रिया के मोक्ष संभव नहीं। सम्यक ज्ञान ही आत्मा को क्या करना और क्या नहीं करना इन सारी क्रियाओं का ज्ञान कराता है।

साहुकारपेट स्थित राजेन्द्र भवन में विराजित मुनि संयमरत्न विजय ने कहा पहले ज्ञान फिर दया का पालन। ज्ञान के बिना अहिंसा का स्वरूप समझ में नहीं आने से आत्मा हिंसा को भी अहिंसा धर्म मान लेती है।

जानवरों में भी क्या खाना और क्या नहीं खाना इसका ज्ञान होता है, इसलिए खाते समय ऊंट आकड़े को और बकरी कांकरे को छोड़ देती है। जिसका खानपान अच्छा, उसका खानदान भी अच्छा होता है।

आहार संज्ञा पर विजय प्राप्त करने हेतु ही नवपद ओली आराधना में आयंबिल का तप करते हैं जिसमें उबला हुआ अन्न-जल एक समय और एक बैठक पर ग्रहण किया जाता है। अयोग्य आचरण का भावपूर्वक त्याग ही ज्ञान का फल है।

ज्ञान आत्मा का मौलिक गुण है। बिना ज्ञान के सारी क्रियाएं झूठी कहलाती है। वे भी पांच प्रकार की होती हैं, पहली विषक्रिया यानी मिष्ठान, भोजन, श्रीफल, रुपये, बर्तन के प्रलोभन या बड़े धर्मात्मा कहलाने के लिए सामायिक, प्रतिक्रमण, पूजा और दूसरी धार्मिक क्रिया करना। विष से जैसे शीघ्र मृत्यु हो जाती है, वैसे ही इससे दुर्गति हो जाती है।

दूसरी गरलक्रिया यानी देव, इंद्र्र, चक्रवर्ती, राजा का पद और रिद्धि-सिद्धि पाने की लालसा से कठोर व्रत-नियम का पालन करना गरल क्रिया है। विष तुरंत प्राण ले लेता है, किंतु गरल कुछ समय के बाद अपना प्रभाव बताता है। तीसरी है अन्योन्य अनुष्ठान क्रिया अर्थात सच्ची श्रद्धा न होना, सूत्र अर्थ को समझे बिना सिर्फ उदर भरण हेतु देखा देखी क्रिया करना।

चौथी है तद्हेतु क्रिया यानी अपनी आत्मा को संसार से मुक्त करने की दृढ़ भावना से सद्गुरु की शरण में चारित्र ग्रहण करके विधि सहित आराधना करना। पांचवीं है अमृत क्रिया यानी आचार-विचार और उपचार की उच्चतम श्रेणी। उल्लास के साथ की जाने वाली क्रिया अमृत क्रिया कहलाती है।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar