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बाबा बुढानाथ मंदिर में राम कथा ज्ञान यज्ञ

बाबा बुढानाथ मंदिर में राम कथा ज्ञान यज्ञ

बिहार/भागलपुर: भागलपुर के द्वारा आयोजित चौथे दिन के रामकथा में समिति के मुख्य संगरक्षक पंडित विजय शंकर चतुर्वेदी “बाल व्यास जी महाराज ” ने अपने कथा में बोले कि रामजी के वनलीला राष्ट्र कल्याण की भावना से प्रेरित है।

कठोर आतंकवाद के दक्षिण भारत विशेष प्रभावित था। राम ने पिछड़ी जातियों का एक संगठन समूह बनाया और वानर भालुओं का समूह एकत्रित कर के रावण के आतंकवाद को समाप्त किया।

काशी से पधारे मानस भास्कर पंडित विधासागर जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान बताया कि भगवान को भी भक्तों के भाव मे गंगा के किनारे खड़े खड़े होकर नाव की मांग की जबकि श्रीराम के नाम लेने से जीव भवसागर से पार हो जाता है।

जिस राम के चरण से गंगा निकली क्या वह परमात्मा गंगा पार नही हो सकते थे लेकिन समाज मे जात पात भेद भाव को मिटाने के लिए श्रीराम ने जाति के केवट से नाव की मांग किया। भगवान संसार मे दो जगह मिले पहले ज्ञानी को दूसरा भक्त को।

ज्ञानी को घर पर भक्त को किसी घाट पे जैसे राजा जनक जी घर बैठे मिले वही तुलसीदास जैसे भक्त को चित्रकूट की घाट पर मिले। कोलविल जात की सबरी को राम घर पर मिले केवट जैसे भक्त को गंगा के घाट पर मिले लेकिन जो मनुष्य घर और घाट पे पवित्र भावना रामजी को नही खोज पाया, मरने के बाद भी राम की प्राप्ति नही हो सकती।

इसलिए केवट भगवान श्रीराम का चरण धोने का हठ किया जिसके कारण भगवान का चरण धोकर पूरे परिवार का उद्धार किया। इसलिये हमे भगवान से प्रेम और विश्वास हो राम जी हमे अवश्य मिलेंगे….भक्त और भगवान का मिलन।

समिति के प्रवक्ता प्रणव दास जी ने बताया कि कल अयोध्या से श्री श्री 108 स्वामी नरहरि दास जी महाराज का आगमन हो रहा है, उनकी कथा कल शाम 7 बजे से प्रारंभ होगी।

आज प्रातः कालीन सत्र में काशी से पधारे 27 पंडितों के द्वारा नवाह परायण पाठ किया गया एवमं केवट प्रसंग की चर्चा हुई।

आज रामकथा में मुजफरपुर से पधारी मानस मुक्ता श्रीमती यशोमति जी ने अपने कथा में बोली कथा श्रीरामचरितमानस में श्रीराम श्री भरत श्री लक्ष्मण, रावण कुम्भकर्ण लेकिन गहराई से देखने पर ऐसा लगता है कि इस ग्रंथ में हम सबो का जीवन प्रतिबिंवित हो रहा है। इस ग्रन्थ में हम कहाँ है, कैसे है, और कैसे रहना चाहिये इसी की खोज करनी है इसमें ही कथा कहने और सुनने की सार्थकता है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री श्यामा प्रसाद घोष, श्री प्रभुदयाल टिबड़ेवाल, श्री दीपक घोष, श्री अभय घोष”लाल दा”, श्री अमरनाथ मिश्रा,श्री अवध प्रसाद, श्री अभय घोष”सोनू”, श्री धरवीर सिन्हा, श्री अरुण राय, श्री भूप नारायण पाण्डेय, श्री रवि भूषण सिन्हा, चंदन कर्ण, प्रवक्ता प्रणव दास, एवमं मंच संचालन डॉ केशरी कुमार सिंह ने किया ।

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