अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन
कुम्बलगोडु, बेंगलुरु, कर्नाटक। आध्यात्म जगत के महासूर्य श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता-शांतिदूत-अहिंसा यात्रा के प्रणेता-महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी ने तुलसी महाप्रज्ञ चेतना केंद्र में धर्मसभा में प्रवचन करते हुए कहा कि संसार में सबसे बड़ा ज्ञान केवल ज्ञान है। इसकी प्राप्ति होने पर जल्द ही मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है क्योंकि केवल ज्ञान एक प्रकार का संपूर्ण ज्ञान है।
मति ज्ञान और श्रुत ज्ञान परोक्ष ज्ञान है अवधि और मनःपर्यय ज्ञान अतींद्रिय ज्ञान है। केवल ज्ञान को संपूर्ण प्रत्यक्ष ज्ञान माना गया है। केवल ज्ञान के लिए इंद्रिय सहयोग की अपेक्षा नहीं है यह आत्मा सम्मत ज्ञान है।इसकी प्राप्ति के पश्चात आत्मा का शुद्ध स्वरूप निखर जाता है।
आचार्य प्रवर में उपस्थित श्रावक समाज को प्रेरणा देते हुए कहा कि सभी को प्रेम पूर्वक कार्य करना चाहिए। जो कार्य लड़ाई या झगड़े से नहीं हो सकता वह कार्य प्रेम और वात्सल्य से हो सकता है। उसी प्रकार आत्मा से क्रोध, अहंकार, माया और लोभ रूपी किरायेदारों को प्रेम से बाहर निकाले।
आचार्य प्रवर ने पारिवारिक विषयों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भाई-भाई में प्रेम हो तो उस परिवार में समस्याओं का निराकरण आसानी से हो जाता है। अगर व्यक्ति जीवन में अहंकार और लोभ का त्याग करें तो उसका जीवन निश्चित रूप से आनंदमय हो जाता है।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में महामंत्री नीलम सेठिया ने दो वर्षीय कार्यकाल का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया एवं समस्त शाखा परिषदों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। निवर्तमान अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा ने अपने दो वर्षीय संपूर्ण कार्यकाल में हुए कार्यों को देश भर की महिला मंडल एवं कन्या मंडल को अर्पित करते हुए आचार्य प्रवर, साध्वी प्रमुखा जी एवं समस्त चरित्र आत्माओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
तत्पश्चात नव मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा बैद का शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित हुआ। श्रीमती पुष्पा बैद ने अपनी नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा की और अपने प्रथम अध्यक्षीय वक्तव्य में महिला मंडल के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं आचार्य प्रवर के सान्निध्य में 2 अक्टूबर से प्लास्टिक मुक्त अभियान शुरू करने की घोषणा की।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा श्राविका गौरव अलंकरण श्रीमती प्यारी बाई गादिया को एवं सीतादेवी सरावगी प्रतिभा पुरस्कार श्रीमती सोनिया जैन एवं श्वेता भंसाली को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति को अधिवेशन में प्रदत सहयोग के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्रवचन में मासखमण सहित अनेक तपस्याओं के प्रत्याख्यान हुए।