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प्रवृत्ति, रुचि, स्वभाव समान नहीं होता: आगमश्रीजी मासा

प्रवृत्ति, रुचि, स्वभाव समान नहीं होता: आगमश्रीजी मासा

कम्मनहल्ली जैन स्थानक में प्रवचन 

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने बताया हर एक व्यक्ति की प्रवृत्ति, रुचि, स्वभाव समान नहीं होता । सामान्य प्रकार से तीन प्रकार के व्यक्ति होते हैं, सत्वगुणी, रजोगुणी, तमोगुणी इसकी परिभाषा बताई। व्यक्ति के अनुरूप जो सत्कार कर सकता है वह स्वयं के जीवन में गुणों को पा लेता है। केशीश्रमण और गौतम स्वामी के बारे में बताया।

प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने श्रावकों के गुणों के बारे में बताया श्रावक के घट में दया चाहिए। दुखी जीवो के सेवा में सदा तत्पर रहें। विक्रमादित्य के जीवन की घटना का उल्लेख किया । धर्म रूचि अंगार का दृष्टांत बताया। अहमदनगर से संपतलाल प्रशांतजी बाफना सपरिवार, बार्शी से राहुल सुराणा सपरिवार, यशवंतपुर मंत्री रमेश बोहरा मंत्री रोशन बाफना राममुर्तिनगर संघ एवं मंत्री रिकब मेहता, कमल बाफना, अनिल बाफना गणमान्य मौजूद रहे।अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने स्वागत किया। मंत्री हस्तीमल बाफना ने अभिवादन किया।

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