Share This Post

ज्ञान वाणी

प्रवचन सुनना और उसे अपने जीवन में उतारना जरूरी: विनयमुनि

प्रवचन सुनना और उसे अपने जीवन में उतारना जरूरी: विनयमुनि

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि के सान्निध्य में शनिवार को आचार्य जयमल की 311वीं जयंती मनाई गई। विनयमुनि ने आचार्य जयमल की जीवनी पर प्रकाश डाला। सागरमुनि ने कहा आचार्य जयमल का जीवन बहुत ही अलग था। एक बार प्रवचन सुनने से उनका जीवन बदल गया। जीवन में प्रकाश लाने के लिए प्रवचन सुनना और उसे अपने जीवन में उतारना जरूरी होता है। ऐसा करके ही अपने जीवन के अंधकार को दूर कर प्रकाशमय जीवन में प्रवेश किया जा सकता है।

संयम के प्रति उनकी भावना प्रबल थी। उन्होंने कहा कि जीवन को सफलता की ओर ले जाने के लिए मनुष्य को गुरुभगवंतों के दिखाए मार्र्ग का अनुसरण करना चाहिए। आचार्य जयमल का जीवन तपस्वी जीवन था। उन्होंंने  अपने जीवन में बहुतों को धर्म के कार्यों से जोड़ा। इससे पहले तप, त्याग और आराधना से जयमल की जयंती मनाई गई। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar