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प्रर्युषण पर्व पर जैन संतो को श्रीसंघ खवासपुरा ने तपस्या की भेट चढ़ाकर की तपस्या शुरूआत 

प्रर्युषण पर्व पर जैन संतो को श्रीसंघ खवासपुरा ने तपस्या की भेट चढ़ाकर की तपस्या शुरूआत 

24 अगस्त खवासपुरा अष्टदिवसीय प्रर्वाधिराज प्रर्युषण महापर्व के प्रथमदिवस बुधवार को श्री मरूधर केसरी रूप सुकन दरबार मे संत शिरोमणी प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने प्रर्युषण पर्व की आराधना करने वाले श्रध्दालुओं से कहा कि यह पर्व सब पर्वो का राजा है ! प्रर्युषण हमे संदेश देता है कि हम सुक्ष्म से सुक्ष्म जीवो की रक्षा करे,और वही प्राणी कर सकता है जिसके मन मे करूणा दया अहिंसा की भावना हो !

यह जरूरी नही कि कौई भी व्यक्ति किसी जीव व प्राणी को ही मारे या दुखः पहुचाये तभी हिंसा हो, जरूरी यह है किसी के बारे में मन में गलत विचार या दुष्प्रभाव की भावना रखना भी हिंसा ही है ! मन से वचन से कर्म से ही जीवन मे अहिंसा होगी ! युवाप्रणेंता महेशमुनि, पंडित रत्न राकेश,हरीश मुनि नानेश मुनि हितेश मुनि,सचिन मुनि आदि सभी संतो ने कहा कि अहिंसा का अर्थ यह है कि हिंसा नही करना ही अहिंसा है ! सर्व प्रथम प्रातः नवकार महामंत्र के जाप से संतो और भक्तोजनों ने प्रर्युषण पर्व का शुभारंभ किया गया !

हितेश मुनि ने अंतगढ़सूत्र सूत्र सचिन मुनि ने कल्पसूत्र का वाचन किया! प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया कि प्रर्युषण के प्रथम दिन जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष प्रसन्नचन्द कोठारी, महामंत्री जे विजयराज कोठारी,मंत्री एम अशोक कोठारी,कोषाध्यक्ष बी महावीर चन्द कोठारी ने सैकड़ों तपस्वी भाई बहनो के साथ उपवास के पच्छखाण लेकर प्रर्युषण पर्व पर तप जप के साथ तपस्या की शुरूआत की गई !

मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा

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