Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

प्रभु महावीर की जीवन गाथा का प्रत्येक अध्याय-जीवन निर्माण की प्रेरणा देता है: डॉ. वरुण मुनि

प्रभु महावीर की जीवन गाथा का प्रत्येक अध्याय-जीवन निर्माण की प्रेरणा देता है: डॉ. वरुण मुनि

चेन्नई. श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि की पावन निश्रा एवं श्री एस. एस. जैन संघ, साहुकारपेट के तत्वावधान में जप तप- धर्म ध्यान के साथ चातुर्मास भव्य रूप से गतिमान है। जैन भवन के प्रांगण में रुपेश मुनि प्रतिदिन वीरत्थुई (पुच्छि सुणं) की साधना एवं श्री मद् उत्तराध्ययन सूत्र की मूल-अर्थ वाचना बहुत ही संगीतमय वाणी के द्वारा फरमा रहे हैं।

इसी के साथ ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि श्री महावीर कथा के माध्यम से श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर रहे हैं। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा प्रभु महावीर की चेतना जो मनुष्य से कभी स्वर्ग में तो कभी नरक में जन्म लेते हुए महारानी विमला की कुक्षी में पहुंचती है। जैसी ही बालक मां के गर्भ में आता है- ‘मां के विचार ही बड़े अशुभ हो जाते हैं। महारानी राजा से बात करती है। राजा जी अपने धर्माचार्य बताते हैं। तब आचार्य फरमाते हैं कि ऐसा लगता है -जैसे संसार की सताई हुई कोई आत्मा महारानी की कुक्षी में आई है।

इस समस्या से उभरने के लिए आचार्य 3 उपाय बताते हैं। सबसे पहले- आहार का संयम हो। जैसा आहार वैसा विचार। महारानी जी सात्विक आहार करें ताकि गर्भ स्थित शिशु के संस्कार भी सात्विक बनें। राजसी एवं तामसिक आहार का त्याग करें। दूसरा उपाय बताया शुभ भावना। हर समय गर्भस्थ शिशु के लिए सकारात्मक विचार रखें। भावना में बड़ी ताकत है। पेड़ पौधों तक भावों का असर होता है। तीसरा उपाय है मंत्रा चैंटिंग या स्तोत्र की साधना करें। मंत्र की अपनी ऊर्जा होती है।

महारानी तीनों ही उपाय करती है फलस्वरूप गर्भ में आई पापात्मा भी पुण्यात्मा बन जाती है। गुरुदेव ने कहा मां वो चित्रकार है जो अपने बच्चे को साधु भी बना सकती है और डाकू भी। जननी केवल जन्म देती है। जन्म तो एक कुतिया भी अपने बच्चों को दे देती है। पर मां होना एक साधना है मां वो होती है जो अपने बच्चे को जन्म के साथ-साथ जीवन भी देती है। उसे शुभ संस्कार देती है।

आज के युग में जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तब वे ड्रिंक करती हैं, अश्लील फिल्में देखती हैं फलस्वरूप बच्चे भी हिंसक, क्रूर और दुराचारी बन जाते हैं। यदि राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर जैसे या महात्मा गांधी, भगत सिंह, शिवाजी मराठा, लक्ष्मी बाई, अब्दुलकलाम कल्पना चावला जैसी आत्माओं को जन्म देना हो तो मां बाप को भी अपने जीवन संयम सदाचार का पालन करना चाहिए।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar