चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में शुरू नवग्रह शांति जाप हुआ। साध्वी सूविधी ने भगवती सूत्र के माध्यम से कहा की जीतना हो सके भगवान की आराधना कर लेनी चाहिए।
जीवन मे कुछ साथ रहे या न रहे पर आराधना की महिमा का असर जीवन भर रहेगा। इसकी महिमा मनुष्य को गलत मार्गो से बचाने का कार्य करती है। साध्वी सुविधि ने कहा कि कर्मो के करता भोक्ता और काटने वाले सिर्फ मनुष्य ही होता है।
इसलिए सजग बन कर जो भी परिणाम सामने आए उसे सहजता से स्वीकार कर धर्म आराधना के काम करते रहना चाहिए। कर्मो का बंद करना तो बहुत आसान होता है लेकिन उस बंद को तोड़ना बहुत मुश्किल काम होता है।
मनुष्य जीवन मे आगे तभी जाएगा जब बंद कर्मो को निर्जरा कर तोड़ेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपनी अज्ञानता की वजह से सुख की प्राप्ति के लिए इधर उधर भटक रहा है, लेकिन फिर भी सच्चे सुख की प्राप्ति नही हो पा रही है। सच्चे सुख और सास्वत की प्राप्ति सिर्फ धर्म मे हो सकती है।
जिस प्रकार से मनुष्य दान कर मोक्ष के मार्ग बना लेता है उसी प्रकार से शांति, सील और धर्म कर संसार को शांत कर सकता है। अपनी आत्मा का रमन और चिंतन मनन करने वाले अपने जीवन को सुखी बना लेते हैं।
यदि उत्कृष्ट भावना से धर्म का पालन किया जाए तो संसार मे रहते हुवे अन्ततः सुखों की प्राप्ति की जा सकती है। किसी भी काम को अगर उत्कृष्ठ भाव किया जाएगा तो जीवन सुखी बन जायेगा। साध्वी समिति ने नवपद की महीमा का वरणन किया।
आदीनाथ कवीज परतियोगिता सम्मपन हूई,. 35 टीम ने भाग लिया विजेता को पृरसकृत किया गया , इससे पूव किरण देवी ,सुरेश चंद कोठरी को.संघ. द्वारा तपस्वी युगल रत्न से अध्यक्ष आनंद मल छलाणी आदी पदाधिकारियों ने समानीत किया। दीपक सोनीगरा, प्रवीन नाहार.दुलीचंद छाजेड का सहयोग सराहनीय.रहा।