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प्रभु का ज्ञान निर्मल है जो समुद्र के समान स्वच्छ साफ सुथरा है: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

प्रभु का ज्ञान निर्मल है जो समुद्र के समान स्वच्छ साफ सुथरा है: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

नागदा जं. निप्र- महावीर भवन में महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि समुद्र में भयंकर बड़ा से बड़ा तुफान आना, बड़ी-बड़ी लहरे आना, ज्वार भाटा आना, मलीनता आना यह समुद्र का स्वभाव नहीं है ये तो प्राकृतिक वातावरण का समुद्र पर प्रभाव होता है। इसी प्रकार प्रभु का ज्ञान समुद्र के समान निर्मल होता है जो स्वच्छ, साफ सुथरा एवं शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वास्थ्यवर्धक होता है।

सामुहिक सम्मोशरण जाप का आयोजन-

 महावीर भवन में श्रीदेवी कुंवर मनोहरलाल कांठेड़ की और से सामुहिक सम्मोशरण नवकार महामंत्र का सामुहिक जाप दो-दो सामयीक के साथ किया गया जिसकी प्रभावना का लाभ श्रीमती रेखा रवि कुमार एवं कियारा प्रथम कांठेड़ ने लिया।

महासति पद्मावती देवी के एकासना का आयोजन-

 मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़, नीतिन बुडावनवाला ने बताया कि अतिथि सत्कार का लाभ नीलमदेवी प्रकाशचन्द्र बुडावनवाला परिवार के नरेश विपीन नितिनकुमार बुडावनवाला ने लिया। जाप की प्रभावना रजनेश कुमार मोहनलाल भटेवरा ने वितरीत की। तेले की तपस्या श्रीमती मेघा संदीप कांठेड, वर्धमान तप जयमाला पितलीया ने किया। संचालन राजेन्द्र कांठेड ने किया । इसके पश्चात् महासति पदमावति देवी के एकासना का आयोजन चातुर्मास समिति द्वारा किया गया। जिसमें कोमल नरेश बुडावनवाला, बरखा विपीन बुडावनवाला, सोनाली नितिन बुडावनवाला, पारस पोखरना, राजेन्द्र गोखरू, संदीप चपलोत ने एकासना श्रावीकाओं की सेवा का लाभ लिया। आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने एवं श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने माना।

दिनांक 09/09/2022

 मीडिया प्रभारी

    महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

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